Modi Government Ordinance: केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. इसको लेकर केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं, लेकिन कांग्रेस की मामले में राय बंटी हुई है. 

इसको देखते हुए सोमवार( 29 मई) को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मीटिंग बुलाई है, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोजक केजरीवाल पर शनिवार (27 मई) को हमला किया. दिल्ली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केजरीवाल की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आप-बीजेपी एक है, दोनो ही फेक हैं. कांग्रेस ने मोदी सरकार की पहचान जुमला और भ्रष्टाचार बताई तो केजरीवाल सरकार की पहचान हवाला और घोटाला बताई है. 

अरविंद केजरीवाल ने मांगा समयकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ये मीटिंग ऐसे समय बुलाई है जब केजरीवाल ने हाल ही में खरगे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था. इसको लेकर केजरीवाल ने शुक्रवार (27 मई) को ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी से भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन हासिल करने और संघीय ढांचे पर हमले तथा मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का वक्त मांगा है.'' सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस विचार कर रही है कि केजरीवाल का अध्यादेश को लेकर समर्थन करना चाहिए है या नहीं.

किसने क्या कहा? मुख्यमंत्री केजरीवाल अध्यादेश के मुद्दे पर विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं. इसको लेकर वह अब तक तेलंगाना के सीएम केसीआर, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और नीतिश कुमार सहित कई नेताओं से मिले हैं, इस दौरान सब ने एक बात दोहराई है कि हम अध्यादेश के खिलाफ है और राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करेंगे. 

मामला क्या है? हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार 19 मई को अध्यादेश ले आई. इसे केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है. 

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