दिल्ली के खान मार्केट में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी और जमाखोरी मामले में गिरफ्तार किए गए व्यापारी नवनीत कालरा को दिल्ली के साकेत कोर्ट से 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है.


नवनीत कालरा पर आरोप था कि उसने लोगों को निम्न स्तर के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऊंचे दाम पर बेचे और इस तरह से उसने लोगों के साथ धोखाधड़ी की साथ ही कालाबाजारी भी की. पुलिस का आरोप है कि कालरा ने इतनी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को खान मार्केट स्थित खान चाचा रेस्टोरेंट में जमा करके रखा और यह जमाखोरी के दायरे में आता है.


हालांकि कालरा की तरफ से लगातार यही कहा जाता रहा कि उसने कालाबाजारी और जमाखोरी नहीं की. कालरा की तरफ से कहा गया कि उसने जिस क्वालिटी के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लोगों को बेचे उस तरह के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बड़ी मात्रा में देश में बहुत सारे और लोगों के द्वारा भी मंगाए जा रहे हैं. यहां तक कि अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट पर इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत कालरा के बेचे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से कहीं ज्यादा भी हैं


कालरा के वकील की वो दलीलें जिनको सुनकर कोर्ट ने दी जमानत


नवनीत कालरा के वकील ने कहा कि अगर मैट्रिक्स की साइट पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को जर्मन बताया गया है उसमें मेरी क्या गलती. अगर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खराब पार्टी के हैं तो आखिर आज की तारीख में भी वो कोविड केयर सेंटर में क्या कर रहे हैं. कालरा के वकील ने कहा कि जिस रिपोर्ट के आधार पर इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को निम्न स्तर का बताया जा रहा है उस रिपोर्ट के कानून की नजर में कोई मायने नहीं है.


नवनीत कालरा के वकील ने दलील देते कहा कि अगर दिल्ली पुलिस की जांच में यह अक्सीजन कंसंट्रेटर निम्न स्तर के पाए गए तो दिल्ली पुलिस ने अब तक केंद्र सरकार से इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर रोक लगाने की मांग क्यों नहीं की? साथ ही कोर्ट ने पहले इसी मामले में नवनीत कालरा के सह आरोपियों को जमानत दे दी है.


कालरा के वकील ने कहा कि अगर आरोपी को मुनाफाखोरी करनी होती तो वह पक्का बिल देकर उस पर जीएसटी क्यों भरता. नवनीत कालरा के वकील ने कहा कि ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उसी क्वालिटी के हैं जैसे कि अमेजन और इंडियामार्ट पर 95000 से 89000 रुपये के बेचे जा रहे हैं. जबकि नवनीत कालरा ने उनको 60,000 रुपये में बेचा. नवनीत कालरा के वकील ने कहा कि पुलिस ने जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बात कर रहे हैं वह सब पहले से ही बिके हुए थे और लोग डिलीवरी लेने आ रहे थे.


कालरा के वकील ने कहा कि यह वैसे ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर है जैसे सलमान खान ने भी अपने ट्वीट में दिखाएं हैं- कालरा के वकील ने कहा कि जिस डिब्बे में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखे हुए हैं उस डिब्बे पर उस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से जुड़ी हुई सारी जानकारी मौजूद हैं.


कालरा के वकील ने कहा कि अगर ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निम्न स्तर के थे तो जब्त करने के बाद इनको कोविड केयर सेंटर में कैसे दिया गया. कालरा के वकील ने कहा कि पुलिस ने कस्टडी के दौरान जितनी पूछताछ करनी थी वह कर चुके हैं, जो भी सबूत जुटाने थे वह जुटाए जा चुके ऐसे में फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में है. ऐसे में उसको न्यायिक हिरासत में रखने का क्या औचित्य. आरोपी को जमानत दे दी जानी चाहिए क्योंकि अब तक इस मामले में अपने आप से कोई शिकायतकर्ता भी सामने नहीं आया. ऐसे में आरोपी को जेल के अंदर रखने से कोई फायदा नहीं है वह भी जब इस मामले में 5 अन्य आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हों.


दिल्ली पुलिस ने किस आधार पर किया था जमानत का विरोध


नवनीत कालरा की जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि यह धोखाधड़ी का भी मामला है क्योंकि नवनीत कालरा ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को प्रीमियम क्वालिटी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर करके बेचा. जबकि जांच में पाया गया है कि यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निम्न क्वालिटी के थे. इतना ही नहीं इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को जर्मन कंपनी का बताया गया जबकि हकीकत में यह सारे चीनी थे.


यह सारे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक व्यक्ति के इस्तेमाल के लायक भी नहीं निकले. अगर इस को दान किया होता या सिर्फ खरीद की कीमत पर दे दिया होता तो यह धोखाधड़ी नहीं होती लेकिन यहां पर इन्होंने एक निम्न स्तर के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को प्रीमियम क्वालिटी का बताकर लोगों को ऊंचे दाम पर बेचा. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि जिस तरह के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लोगों को बेचे जा रहे थे वह एक डिब्बे से ज्यादा कुछ नहीं थे क्योंकि असल मायने में उनका जो काम होता है वह करने लायक थे ही नहीं. इस बीच सुनवाई के दौरान मौजूद डीजीपी ने भी कोर्ट को बताया कि किस तरह से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीजन फ्लो के हिसाब से देखे जाते हैं कि उनकी उपयोगिता क्या है.


दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि यह लोग सलमान खान द्वारा इसी तरीके के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भगाने की बात कह रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि सलमान खान ने इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को इनकी असल कीमत से ज्यादा की कीमत पर नहीं बेचा. साथ ही ना ही लोगों के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी की. इन आरोपियों ने जिंदगी मौत से जंग लड़ रहे मरीजों और उनके परिजनों से धोखाधड़ी कर ऊंची कीमत पर यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उनको बेचे.


दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि ये एक व्हाइट कॉलर क्राईम है और व्हाइट कॉलर क्राईम के मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए. इससे पहले ये बात सुप्रीम कोर्ट भी अपने कई फैसलों में कह चुकी है. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि पहले जिन लोगों को जमानत दी गई उसके बाद से इस केस में कई नए तथ्य आ चुके हैं लिहाजा उसी आधार पर नवनीत कालरा को जमानत नहीं दी जा सकती.