Mahua Moitra News: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार (8 अप्रैल) को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा और उनके एक्स-पार्टनर जय अनंत देहाद्राई ने एक-दूसरे के खिलाफ अपने आरोपों पर सार्वजनिक चर्चा को बेहद ही निचले स्तर पर लाने का काम किया है. देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. हाईकोर्ट में देहाद्राई की तरफ से महुआ मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया गया है, जिस पर जस्टिस प्रतीक जालान की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही थी. 


देहाद्राई का कहना है कि उन्होंने महुआ पर आरोप लगाया कि टीएमसी नेता ने लोकसभा में सवाल पूछने के बदले एक बिजनेसमैन से कैश और गिफ्ट लिए हैं. इस पर महुआ ने पहले तो आरोपों को झूठा करार दिया, फिर मेरे बारे में अपमानजनक और मानहानि वाली बातें कीं. याचिका में कहा गया है कि मोइत्रा ने देहाद्राई को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया है, जो एक खराब रिलेशनशिप की वजह से गुस्सा गया है और अब बदला लेने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज करवा रहा है.


महुआ मोइत्रा से की है 2 करोड़ हर्जाने की मांग


जय अनंत देहाद्राई महुआ को उनके खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने और हर्जाने के तौर पर 2 करोड़ रुपये देने के लिए अदालत से अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग कर रहे हैं. अदालत ने साफ किया कि यहां बात किसी को निषेधाज्ञा देने की नहीं है. इसने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि उन्हें अपने मुवक्किलों को सावधान रहने के लिए कहना चाहिए. निषेधाज्ञा का मतलब उस अस्थायी आदेश से है, जो किसी केस पर आधिकारिक फैसला आने तक कुछ करने या न करने को कहता है. 


हाईकोर्ट ने दी महुआ को चेतावनी


मानहानि मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि महुआ मोइत्रा और जय अनंत देहाद्राई के बीच चल रही सार्वजनिक लड़ाई दोनों को सही नहीं दिखा रही है. कोर्ट ने महुआ के वकील को चेतावनी दी कि टीएमसी नेता को सावधान रहना होगा, नहीं तो अगर उन्होंने कोई झूठा बयान दिया तो उनके खिलाफ निषेधाज्ञा लागू कर दी जाएगी. अदालत ने कहा कि अगर महुआ के खिलाफ आरोप सार्वजनिक डोमेन में लगते हैं, तो उन्हें अपना बचाव करने का अधिकार है.


जय अनंत देहाद्राई को भी मिली कोर्ट की चेतावनी


कोर्ट ने देहाद्राई के वकील से कहा, "आपको निषेधाज्ञा हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि आपने सार्वजनिक बयान दिए जिससे महुआ को अपना बचाव करने का मौका मिला." अदालत ने देहाद्राई के वकील को यह भी चेतावनी दी कि यदि वह अदालत के समक्ष मानहानि के मामले में वादी है, तो वह कोई भी निषेधाज्ञा देते समय दोनों पक्षों का ध्यान रखेगा. 


अदालत ने कहा है कि अगर देहाद्राई केस दर्ज करने के बावजूद सार्वजनिक तौर पर महुआ के खिलाफ आरोप लगाना जारी रखते हैं तो टीएमसी नेता खुद का बचाव करने के लिए जगह देनी होगी. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. 


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