नई दिल्ली: कोरोना से लड़ने के लिए देश भर के डॉक्टर और नर्स दिन रात काम में लगे हुए हैं. इसी वजह से प्रधानमंत्री अपने अलग-अलग संबोधन में लगातार इन डॉक्टरों और नर्सों को कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़ा सिपाही बताते आ रहे हैं.
इस सबके बीच ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है कि देश भर में ऐसे कई डॉक्टर और नर्स हैं जो कई-कई दिनों तक अस्पताल में ही मौजूद हैं यहां तक कि अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं. इन डॉक्टरों और नर्सों के खाने और पीने का इंतजाम भी अस्पताल में नहीं किया जा रहा है और यह दिन रात अपना अस्पताल में गुजार रहे हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली के एम्स, आरएमएल जैसे बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए अपने गुरुद्वारों के सराय और रसोई खोल दिया है. यहां पर यह डॉक्टर और नर्स आकर रह सकते हैं और साथ ही खाना पीना खा पी सकते हैं.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कोरोना वॉरियर के लिए खोले अपने गुरुद्वारे
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बयान जारी कर जानकारी दी कि दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों के लिए पास ही में बने रकाबगंज गुरुद्वारे के सराय के कमरों को खोल दिया गया है.
आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर और नर्स जब चाहें वहां पर आकर रह सकते हैं और उनको वहां पर खाने पीने की सुविधा भी 24 घंटे मिलेगी. इसी तरह से एम्स और सफदरजंग के डॉक्टर और नर्सों के लिए भी कुछ ही दूरी पर बने गुरुद्वारा मोती बाग की सराय में इंतजाम किया गया है. लेडी हार्डिंग अस्पताल के डॉक्टरों नर्सों के लिए गुरुद्वारा बंग्ला साहिब की सराय खोल दी गई है.
गुरुद्वारों में किया जा रहा है जनता के लिए भी खाने का इंतजाम
इसके अलावा दिल्ली में रहने वाले वे लोग जिनको खाने पीने में दिक्कत हो रही है क्योंकि कमाई एकदम बंद है ऐसे लोगों के लिए भी रकाबगंज, बांग्ला साहिब और शीशगंज गुरुद्वारे में खाने-पीने का इंतजाम किया जा रहा है. इसके साथ ही पश्चिमी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर इंस्टीट्यूट में भी इसी तरीके का इंतजाम किया जा रहा है.
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपना अस्पताल भी फिलहाल सरकार को देने का एलान किया
इसके साथ ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बालासाहेब अस्पताल को भी दिल्ली सरकार को देने का एलान कर दिया है जहां पर कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा सकता है.
कोरोना से लड़ाई में सबका योगदान अहम
समाज के अलग-अलग तबकों के द्वारा की जा रही यह सामूहिक कोशिश हमको कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मददगार साबित होगी. ऐसे में जरूरत इसी बात की है कि सब मिलकर कोरोना से चल रही इस लड़ाई में अपना योगदान दें. आम जनता से बार-बार यही अपील की जा रही है कि इस लड़ाई में उनका सबसे बड़ा योगदान यही होगा कि वह 21 दिनों के दौरान अपने घर में रहे, क्योंकि सावधानी में ही बचाव है.
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