नई दिल्लीः निर्भया केस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों पवन और अक्षय की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट की ओर से याचिका खारिज करने का मतलब साफ है उन्हें कल सुबह फांसी पर लटका दिया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी. पवन के पास अब सिर्फ राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का विकल्प बाकी है.


इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि पवन की क्यूरेटिव पिटीशन की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी गई है. इसके बाद कोर्ट ने वकीलों को दो बजे फिर से सुनवाई के लिए बुलाया है.


पवन ने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी. पवन के अलावा तीन दोषियों विनय, मुकेश,अक्षय के कानूनी विकल्प पहले ही खत्म हो चुके हैं. निर्भया के गुनहगारों को मंगलवार की सुबह फांसी पर लटकाया जाना है.


निर्भया के दोषियों में से अब पवन के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का विकल्प मौजूद है. ऐसे में अगर वह आज राष्ट्रपति के याचिका भेज देता है तो कानूनी तौर पर कोर्ट को कल होने वाली फांसी पर रोक लगानी पड़ेगी.


दो बार टल चुकी है फांसी


इससे पहले निर्भया के दोषियों की दो बार फांसी टल चुकी है. सबसे पहले कोर्ट ने 7 जनवररी को पहला डेथ वारंट जारी किया था. इसके मुताबिक 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया गया. इसके बाद 14 जनवरी को दूसरी बार नया डेथ वारंट जारी किया गया.


इसके मुताबिक 1 फरवरी को चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को 1 फरवरी की सुबह छह बजे फांसी होनी थी. इसके बाद 17 फरवरी को तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया था.


साल 2012 की है घटना


16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया. उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया. बाद में पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची. हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था.


29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्त, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी.