Delhi Flood: दिल्ली में बारिश होने के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई. यमुना का जलस्तर तीन दिन पहले 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद शुक्रवार (14 जुलाई) को शाम छह बजे घटकर 208.17 मीटर पर आ गया. हालांकि, शहर के कई प्रमुख इलाके अब भी जलमग्न हैं.
इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच बयानबाजी तेज हो गई है. केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने समय से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें उपलब्ध नहीं करवाईं.
सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा?आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''मैंने बहुत शिष्टाचार से एलजी वीके सक्सेना को बताया कि एनडीआरएफ की टीम तैनात करने में देरी हुई. मैंने ऐसा कुछ छिपाकर नहीं किया.''
भारद्वाज ने कहा, ''रात को खबर मिली की पानी का एक रेगुलेटर टूटा हुआ है. ये पता लगा कि पानी वापस लौटा तो सुप्रीम कोर्ट तक में पानी भर देगा. इसके लिए हम काफी चिंतित थे. मैंने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान देखा कि 150 से 200 मजूदर काम कर रहे हैं, लेकिन ये काफी नहीं था. ऐसे में मैंने व्हाट्सऐप ग्रुप पर रात को 11 बजकर 19 मिनट पर लिखा कि अश्विनी जी (संभागीय आयुक्त) एनडीआरएफ को बुला लीजिए क्योंकि एनडीआरएफ के पास तकनीक होती है. इस पर अफसरों ने मना कर दिया.''
उन्होंने आगे कहा कि आतिशी ने लिखा कि आर्मी की इंजीनियर रेजीमेंट को बुला लेते हैं लेकिन अफसरों ने ये बात भी नहीं मानी. एलजी वीके सक्सेना ने सुबह-सबुह कहा कि एनडीआरएफ की टीम यहां मौजूद है. इस पर मैंने कहा कि ये रात को आ जाते तो इससे दिल्ली का फायदा हो जाता और सुप्रीम कोर्ट तक पानी नहीं भरता. मेरा कहने का मतलब है कि आपातकालीन स्थिति में तो अफसर मंत्रियों की बात माने. मनमुटाव तो चलता रहता है.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना क्या बोले?उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सौरभ भारद्वाज के आरोप पर कहा था कि यह वक्त साथ मिलकर काम करने का है ना कि आरोप-प्रत्यारोप का. मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं लेकिन इस क्षण यह जरूरी नहीं है.
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