Arvind Kejriwal Bail Hearing: क्या इस लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल प्रचार कर पाएंगे? क्या चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को मिल पाएगा अपना स्टार प्रचारक? इन सभी सवालों के जवाब टिके है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर. शुक्रवार यानी 10 मई को अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. यानी आज यह साफ हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल इस चुनाव में जनता के बीच नजर आएंगे या नहीं. 


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई चल रही है. केजरीवाल के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि देश में लोकसभा चुनाव है और ऐसे में एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया होने के नाते अरविंद केजरीवाल को प्रचार-प्रसार के लिए जमानत मिलनी चाहिए. हालांकि ED का कहना है कि किसी खास इंसान को इस तरह से रिहाई नहीं दी जानी चाहिए. इन दलीलों के बीच सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. सबसे ज्यादा इंतजार और उम्मीदें AAP को है. 


केजरीवाल के लिए चुनाव प्रचार का प्लान बना रही AAP


दरअसल, आम आदमी पार्टी ये मानकर चल रही है कि अरविंद केजरीवाल को जमानत जरूर मिलेगी और जेल से बाहर आते ही AAP के स्टार प्रचारक अरविंद केजरीवाल धुंआधार प्रचार में भी जुटेंगे. यही वजह है कि पार्टी ने केजरीवाल के प्रचार के लिये पूरा रोड मैप भी तैयार करना शुरू कर दिया है. 


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ये मान कर चल रही है कि केजरीवाल जल्द जमानत पर बाहर होंगे, जिसके बाद वो दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में प्रचार की कमान संभालेंगे. इन तीनों राज्यों में ही AAP प्रमुखता से चुनाव लड़ रही है और इन राज्यों में चुनाव छठे और सातवें चरण में होना है. जिसमें अभी करीबन दो से तीन हफ्तों का समय बाकी है. 


दिल्ली-हरियाणा में मेगा रोड शो की तैयारी


पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली की जिन 4 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन में AAP ने उम्मीदवार उतारे हैं. इस सभी सीट पर अरविंद केजरीवाल का मेगा रोड शो प्लान किया जा रहा है. दिल्ली में एक बड़ी चुनावी रैली को भी अरविंद केजरीवाल संबोधित कर सकते है. इसके अलावा हरियाणा में सिर्फ एक सीट कुरुक्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में अपना उम्मीदवार उतारा है तो यहां पर भी अरविंद केजरीवाल एक बड़ा रोड शो प्लान किया जा रहा है. 


पंजाब में चुनाव प्रचार करते नजर आ सकते हैं केजरीवाल


सूत्र बताते हैं कि दिल्ली हरियाणा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल पंजाब में डेरा डालेंगे, क्योंकि आखिरी चरण की वोटिंग जिन राज्यों में होनी है उसमें पंजाब भी शामिल है. पंजाब AAP के लिये बेहद खास है. वो इसलिये क्योंकि राज्य में सरकार बनने के बाद से पार्टी को लगता है कि इस लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 सीटों में सबसे ज्यादा सीटें AAP के खाते में जा सकती है. 


यही वजह है कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल और AAP पंजाब में प्रचार-प्रसार को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.पार्टी ने जो पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के लिये अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है. उसमें पहले नंबर पर अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है.


केजरीवाल के बाहर आते ही बदल सकती है चुनावी थीम


AAP से जुड़े सूत्रों की माने तो जमानत मिलने के बाद पार्टी अपना कैम्पेन की थीम भी बदल सकती है. एक ऐसी थीम को आगे बढ़ाया जाएगा जिसके जरिये ये मैसेज दिया जा सके कि केजरीवाल पर आरोप साबित नहीं हो सके इसलिए बेल मिल गई. इसका मतलब है कि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को धोने वाली छवि फिर से पेश की जाएगी. अभी पार्टी 'जेल का जवाब वोट से' की थीम पर कैंपेन कर रही है.


वहीं, दूसरी तरफ अपने चुनावी कैंपेन को तेज करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के दूसरे बड़े चेहरे भगवंत मान को भी पार्टी दिल्ली में प्रचार के लिए उतारने की तैयारी कर रही है. 11 मई को दिल्ली में भगवंत मान पूर्वी दिल्ली से प्रत्याशी कुलदीप कुमार और दक्षिणी दिल्ली से प्रत्याशी सहीराम पहलवान के लिए रोड शो करेंगे. 


जनता देगी केजरीवाल को जेल में डालने का जवाब: प्रियंका कक्कड


पार्टी के प्रचार-प्रसार की रणनीति पर AAP की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड ने कहा कि उनका दल अलग-अलग रणनीति के तहत कैंपेन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री  भगवंत मान भी रोड शो करते हुए दिल्ली में जल्द नजर आएंगे. 


प्रियंका ने कहा कि झूठे आरोप में अरविंद केजरीवाल को जेल में डाला गया है जिसका जवाब जनता देगी. हमारे लिए जनता चुनाव लड़ रही है. हम आम आदमी की बात करते है इसलिये हम आम आदमी पार्टी है. वहीं आगे की स्ट्रैटेजी के सवाल पर प्रियंका कक्कड ने कहा कि चुनावी कैंपेन से जुड़ी रणनीति को हम अभी मीडिया में उजागर नहीं कर सकते है, लेकिन प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी.


पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा था? 


वहीं, पिछली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को कहा था, "मान लीजिए कि हम आपको चुनाव की वजह से अंतरिम जमानत देते हैं. फिर अगर आप कहते हैं कि आप सीएम कार्यालय जाएंगे, तो इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है. यदि हम आपको अंतरिम जमानत देते हैं, तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें क्योंकि कहीं न कहीं इससे हितों का टकराव होगा. हम सरकार के कामकाज में आपका बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते."


जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल के वकील के इस तर्क पर ईडी से सवाल किया कि वह जांच के मुख्य फोकस नहीं थे और रिश्वत का सवाल बाद में सामने आया. जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि यह किसी भी जांच एजेंसी के लिए अच्छा नहीं है कि किसी मामले की जांच में दो साल लग गए. इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी.


केजरीवाल की जमानत के विरोध में ED ने दायर किया हलफनामा


ईडी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केजरीवाल की जमानत का विरोध किया. उसकी तरफ से विरोध ऐसे समय पर किया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जांच एजेंसी ने कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक अधिकार है. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनेताओं ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव लड़ा, और कुछ जीते भी, लेकिन उन्हें चुनाव प्रचार के लिए कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई. 


ईडी ने कहा, "किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो. यहां तक ​​कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है यदि वह अपने स्वयं के प्रचार के लिए हिरासत में है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और यहां तक ​​​​कि कानूनी अधिकार भी नहीं."


ईडी के हलफनामे पर क्या बोली केजरीवाल की टीम? 


केजरीवाल की कानूनी टीम ने गुरुवार शाम को सुप्रीम कोर्ट में उनकी अंतरिम जमानत के विरोध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल हलफनामे पर आपत्ति जताई. टीम ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी कि इस संबंध में एक औपचारिक शिकायत उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में दर्ज कराई. 


ईडी के हलफनामे को कानूनी प्रक्रियाओं की घोर अवहेलना बताते हुए प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना दाखिल किया गया. दिल्ली सीएम की कानूनी टीम ने कहा कि हलफनामे को ऐसे समय में जारी किया गया जब विषय की अंतिम सुनवाई कल (शुक्रवार को) शीर्ष अदालत में होनी है.


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