Delhi Election Result: दिल्ली चुनाव नतीजों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे, यह हमारी गारंटी है. 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "जनशक्ति सर्वोपरि! विकास जीता, सुशासन जीता. दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन! आपने जो भरपूर आशीर्वाद और स्नेह दिया है, उसके लिए आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार. दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे, यह हमारी गारंटी है. इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में दिल्ली की अहम भूमिका हो. मुझे बीजेपी  के अपने सभी कार्यकर्ताओं पर बहुत गर्व है, जिन्होंने इस प्रचंड जनादेश के लिए दिन-रात एक कर दिया. अब हम और भी अधिक मजबूती से अपने दिल्लीवासियों की सेवा में समर्पित रहेंगे."

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीटों पर वोटिंग हुई थी. दिल्ली में 699 उम्मीदवार मैदान में हैं. राजधानी में इस बार चुनाव में AAP, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. इसके अलावा बसपा और ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं. 

दिल्ली चुनाव को लेकर क्या थे एग्जिट पोल? 

दिल्ली में इस बार 12 से ज्यादा एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए थे. इनमें से 10 एग्जिट पोल में या तो बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है, या बीजेपी और आप में कड़ी टक्कर नजर आ रही है. जबकि दो एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी की सरकार बनाते नजर आ रहे हैं. 

एजेंसी AAP BJP INC Oth
Today's Chanakya 19 ± 6 51 ± 6 - 0 ± 3
CNX 10-19 49-61 0-1 0
P-Marq Data  21-31 39-49  00-01 0
People’s insight   25-29 40-44 00-01 0
Peoples pulse  10-19 51-60 0 0
POLL DAIRY  18-25 42-50 00-02 00-01
CHANAKYA STRATEGIES 25-28 39-44 2-3  0
JVC’s Poll  22-31 39-45 00-02 00-01 
WeePreside 46-52 18-23 0-1 00
Mind Brink  44-49 21-25 0-1 00

क्या थे 2015-2020 के नतीजे?

दिल्ली में 2015 में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की थी. पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं. बीजेपी को 3 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि 2020 में आप ने 62 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी को 8 सीट पर संतोष करना पड़ा था. वहीं कांग्रेस का दोनों चुनाव में खाता नहीं खुला था.