नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. बड़ी खबर यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी कपिल मिश्रा को चुनाव लड़ा सकती है. कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी से बागी होकर बीजेपी में शामिल हुए थे. वह करावल नगर से आप के टिकट पर विधायक बने थे.

सूत्रों के मुताबिक कपिल मिश्रा नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संभावित उम्मीदवार हैं और इस मसले पर बीजेपी के और ग्रुप में चर्चा भी हुई है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

कपिल मिश्रा का नाम उनकी मौजूदा विधानसभा सीट करावल नगर से भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में है. हालांकि, पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि कपिल मिश्रा को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने उतारने से इस सीट पर नतीजे को बदला जा सकता है.

करावल नगर से ही लड़ना चाहते हैं कपिल मिश्रा

कपिल मिश्रा को साल 2018 में अरविंद केजरीवाल ने मंत्रिमंडल से निकाल दिया था. कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को कुछ मसलों पर चुनौती दी थी. इस कारण अरविंद केजरीवाल को बैकफुट पर आना पड़ा था.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कपिल मिश्रा अपनी पुरानी सीट करावल नगर से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. यहां से उन्होंने साल 2015 में जीत दर्ज की थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 70 में से 3 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस बार बीजेपी अरविंद केजरीवाल को पटखनी देने के इरादे से चुनाव मैदान में उतर रही है.

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कल 7 घंटे तक दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कोर ग्रुप की बैठक की थी और यह सुबह 3:00 बजे तक चली थी. देर रात तक चली इस मीटिंग में अमित शाह ने पार्टी के नेताओं से फीडबैक लिया.

अमित शाह के घर बैठक

संभावित उम्मीदवारों और उनकी विधानसभा सीटों को लेकर चर्चा की थी. बैठक अमित शाह के घर पर हुई थी. इस बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीएल संतोष पार्टी की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के इंचार्ज प्रकाश जावड़ेकर और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी शामिल हुए थे.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पहली सूची में तकरीबन 55 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है यह सूची 1 दिन के भीतर आने की संभावना है.

कब है दिल्ली चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को होने हैं जबकि वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 67 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि बीजेपी को 3 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. 2015 के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था.

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