देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार (30 सितंबर 2025) को ट्राई-सर्विस सेमिनार को रक्षा मंत्री ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कहा कि सेना के तीनों अंगों में एकीकरण कोई पॉलिसी बदलने का सवाल नहीं है. बल्कि इसके लिए हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम पुराने साइलो (संगठनात्मक अलगाव) को तोड़ेंगे. हम एक साथ ज्वाइंटनेस की ओर बढ़ेंगे, जब हमारी तीनों सेनाएं, एक स्वर, एक लय और एक ताल में ऑपरेट करेंगी, तभी हम किसी भी दुश्मन को हर मोर्चे पर जवाब दे पाएंगे और राष्ट्र को समग्रता के साथ,नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, तीनों अंगों के लिए साझा थिएटर कमांड बनाने पर जोर दे रही है. थलसेना और नौसेना एकीकरण के पक्ष में हैं, लेकिन वायुसेना की तरफ से विरोध के स्वर सुनने को मिल रहे हैं. यही वजह है कि मंगलवार को राजनाथ सिंह ने आगाह किया कि जब हम ज्वाइंटनेस की ओर बढ़ रहे हैं, तो कई प्रकार की चुनौतियां भी हमारे समक्ष आएंगी. कोई भी बदलाव लाना हमारे लिए आसान तो बिल्कुल नहीं होगा. इसके लिए हमें लगातार डायलॉग की आवश्यकता होगी. यानी, लगातार बातचीत, विचार-विमर्श, और एक-दूसरे को समझने का प्रयास हमेशा करते रहना होगा.
रक्षा मंत्री ने किया ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र
रक्षा मंत्री ने कहा कि हर सर्विस को यह अनुभव होना चाहिए कि दूसरा पक्ष उनकी परिस्थितियों और चुनौतियों को समझ रहा है, इसके साथ ही हर सर्विस को एक दूसरे की परंपराओं और हेरिटेज का सम्मान भी बनाए रखना होगा. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "हम एक शेयरड बेसलाइन तैयार करें. एक ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करें, जो इंटर-ऑपरेबिलिटी और आपसी भरोसे को मजबूत करें. ताकि जब अलग-अलग सर्विसेज एक साथ काम करें, तो हर कोई यह भरोसा रख सके, कि उनकी प्रक्रिया और कार्यशैली में तालमेल है." राजनाथ सिंह ने साइबर अटैक और इंफॉर्मेशन वॉरफेयर के खतरों से आगाह करते हुए साझा मुकाबला करने पर जोर दिया.
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