नई दिल्ली: लॉकडाउन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई सुझाव भेजे हैं. प्रधानमंत्री के लिखे पत्र में अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से लॉकडाउन बढ़ाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि कोरोना के संक्रमण रोकने में लॉकडाउन असरदार साबित हुआ है. मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि कंटेनमेंट जोन (जहां कोरोना वायरस के अधिक मामले हैं) में किसी भी तरह की की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. लॉकडाउन में ढील देने से कोरोना के मामले बढ़ेंगे.

मैट्रो की सेवा शुरु हो लेकिन उसमें इन बातों का ख्याल रखा जाए केजरीवाल ने सुझाव दिया है कि मैट्रो सर्विस को शुरू किया जाए लेकिन कुछ शर्तों के साथ. यात्रियों को जरुरी और गैर जरुरी श्रेणियों में बांटा जाए. जैसे केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए जिनके पास सरकार का आई कार्ड हो उनके लिए सुबह 7.30 से 10.30 बजे तक और शाम को 5.30 से 8.30 बजे तक मैट्रो में जाने की इजाजत मिले.

जिनके पास ई पास हो उनके लिए सुबह 10.30 से शाम के 5.30 बजे तक मैट्रो में एंट्री मिले. एक सप्ताह तक दिल्ली सरकार इस सिस्टम की जांच करे इसके बाद आगे मैट्रो के परिचालन पर विचार किया जाए.

डीएमआरसी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मैट्रो का परिचालन करे जिसमें केवल उन्हीं को इजाजत दी जाए जिनके पास मैट्रो का पास हो. मैट्रो में टिकट की कोई व्यवस्था नहीं रखी जाए स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल किया जाए. मैट्रो में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए. स्टेशन और ट्रेनों का सेनेटाइजेशन किया जाए. मैट्रो में बैठने में दूरी रखी जाए.

निर्माण कार्य और फैक्ट्रियां खोलने का सुझाव

दिल्ली में निर्माण कार्य को शुरु किए जाने का भी सुझाव दिया गया है. गैर जरुरी सेवाओं में जो शामिल नहीं हैं उनके मूवमेंट को रोका जाए. सुबह 9 से शाम 5 बजे तक के दौरान सभी जोन में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को घर में रखने का सुझाव दिया गया है.

बसों को शुरू किया जाए सुझाव में कहा गया है कि दिल्ली में डीटीसी और दूसरे बसों को चलाने की इजाजत दी जाए और उसके साथ ये शर्त कि 20 पैसेंजर से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही डीटीसी की एक बस में दो मार्शल हो. मार्शल का काम बस के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को देखना साथ ही यह भी तय करना होगा कि 20 से ज्यादा सवारी नहीं चढ़ें.

टैक्सी सेवा दिल्ली में टैक्सी और कैब सर्विस की अनुमति दी जाए, लेकिन इस शर्त के साथ कि कैब में ड्राइवर के अतिरिक्त केवल दो सवारी हो. इसके साथ ही गाड़ी में हैंड सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाए.

टैक्सी के साथ-साथ निजी वाहनों को अनुमति दी जाए इस शर्त के साथ कि एक गाड़ी में केवल दो यात्री से ज्यादा न हों. दुपहिया वाहन में पीछे किसी को बैठने की इजाजत नहीं हो. ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा और ई-रिक्शा में एक पैसेंजर के साथ चलने की इजाजत दी जाए.

प्राइवेट दफ्तर प्राइवेट दफ्तर 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ ही खुलें बाकी लोग वर्क फ्रॉम होम करें.

खाने-पीने की दुकान खोले जाने का सुझाव सभी तरह के रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकान को खोला जाए लेकिन यहां से केवल पैकिंग की सुविधा हो, बैठकर खाने की नहीं. किसी भी रेस्टोरेंट में बैठने की इजाजत नहीं दी जाए.

पार्क, स्टेडियम खोले जाएं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पार्क, स्टेडियम और स्पोर्टस कॉमप्लेक्स को खोला जाए. साथ ही यह भी शर्त है कि इसमें समय तय कर दिया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सही तरीके से पालन किया जाए.

शर्तों के साथ दिल्ली के बाजार खोलेने का सुझाव केजरीवाल ने साफ किया है कि जल्द ही बाजार को खोला जाए. इसके लिए ऑड ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाए. मतलब जो दुकान आज खुले वो कल बंद रहे. (ये दुकानें जरुरी सामनों से अलग हैं.)

शॉपिंग मॉल को 33 फीसदी खोला जाए. इसमें 50 फीसदी ऐसे शॉप जो गैर जरुरी की लिस्ट में आते हैं उन्हें भी खोला जाए.

इसके साथ ही आरोग्य सेतु एप को सभी के लिए जरुरी किया जाए. साथ ही जहां भी किसी भी तरह का काम किया जा रहा हो उन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजर के प्रयोग के साथ थर्मल स्क्रिनिंग को अनिवार्य किया जाए.

स्कूल, परीक्षा और धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी बनी रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझावों के साथ कुछ ऐसे इलाके भी हैं जिसे फिलहाल न खोलने की सलाह दी है. लॉकडाउन 4 के दौरान कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जानी चाहिए

सभी स्कूल कॉलेज बंद रहें जबकि 1 जून से होने वाले ऑनलाइन क्लासेस को शुरु किया जाए. होटल, सिनेमा हाल, जिम, स्विमिंग पूल, बार, इंटरटेनमेंट पार्क और ऑडिटोरियम को बंद रखा जाए. नाई की दुकान बंद रखी जाए.

किसी भी धार्मिक आयोजन में लोगों की जमा होने से रोका जाए. रात के 9 बजे से लेकर सुबह के 5 बजे तक गैर जरूरी लोगों के मूवमेंट को रोका जाए. हर तरह के जोन में बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों के मूवमेंट को रोका जाए.