नई दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार में अहम फेरबदल के तहत मुख्यमंत्री खुद जल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. मौजूदा सरकार में ढाई सालों में केजरीवाल ने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा था. इस हफ्ते की शुरुआत में ही इसका औपचारिक एलान कर दिया जाएगा.
दिलचस्प है कि 'बदलाव' के दौर से गुजर रहे केजरीवाल ने अपने स्वभाव के विपरीत काफी दिनों से बयानबाजियों से किनारा किया हुआ है और अब सरकार में विभाग भी रखने वाले हैं.
फिलहाल जल मंत्रालय राजेन्द्र पाल गौतम के पास है. गौतम के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक एक दिन पहले शनिवार को ही मुख्यमंत्री ने उनसे इस बाबत चर्चा की है.
केजरीवाल ने कपिल मिश्रा को हटाने के बाद गौतम को कैबिनेट में शामिल कर जल विभाग सौंपा था. अहम बात ये है कि दलित कोटे से मंत्री बनने के कुछ दिन बाद ही राजेन्द्र गौतम से पर्यटन विभाग लेकर उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को दे दिया गया था और अब उनसे जल विभाग भी लिया जा रहा है.
गौतम के एक के बाद एक विभागों की कटौती भी सवालों को जन्म देती है. हालांकि वो मंत्री बने रहेंगे लेकिन अब उनके पास समाज कल्याण और महिला बाल विकास जैसे विभाग ही होंगे.
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने ये महसूस किया है कि दिल्ली में खास तौर पर पिछड़े इलाकों में पानी और सीवर लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है.
जानकारी के मुताबिक पानी-सीवर को लेकर मुख्यमंत्री के पास काफी शिकायतें आ रही थी. ऐसे में CM केजरीवाल ने सरकार के बचे हुए कार्यकाल में इस पर सबसे ज्यादा ध्यान देने और तेजी से काम करने का मूड बना लिया है. इसी के मद्देनजर उन्होंने जल विभाग अपने पास रखने का फैसला किया है. यानी दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन अब मुख्यमंत्री केजरीवाल होंगे.
बड़ी बात ये है कि मौजूदा सरकार में केजरीवाल ने अब तक अपने पास कोई विभाग नहीं रखा था. हालांकि इससे पहले 49 दिनों की सरकार में जल विभाग केजरीवाल के पास ही था. शीला दीक्षित ने भी 15 साल तक ये विभाग अपने पास रखा था. दिल्ली में पानी और सीवर का काम दिल्ली जल बोर्ड के पास है.