नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम का चुनाव नजदीक है. चुनाव के चक्रव्यू में चकराए केजरीवाल अब विरोधियों पर वार के बजाय ईवीएम में खोट निकाल रहे हैं. केजरीवाल की मानें तो ईवीएम मशीन बेवफा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जिस ईवीएम मशीन ने केजरीवाल को दिल्ली में 70 में से 67 सीटें दिलाई, आखिर उसी ईवीएम को केजरीवाल दगाबाज क्यों बता रहे हैं ?


देश की संवैधानिक संस्था को धृतराष्ट्र क्यों बता रहे हैं केजरीवाल ?


आखिर केजरीवाल रात-दिन सिर्फ ईवीएम में खराबी की माला क्यों जप रहे हैं ? क्या केजरीवाल यूपी चुनाव में हुई बीजेपी की बंपर जीत और पंजाब-गोवा में आप की करारी हार से बौखला गए हैं ? केजरीवाल देश की संवैधानिक संस्था को धृतराष्ट्र क्यों बता रहे हैं ? खैर ये भी कहा जा सकता है कि पंजाब और गोवा का जला ईवीएम को फूंक-फूंक कर देख रहा है.


केजरीवाल को भारतीय चुनाव प्रणाली में भरोसा नहीं, या एमसीडी चुनाव में जमीन खिसकने की आशंका की वजह से केजरीवाल घबराए हुए है. दिल्ली नगर निगम का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा हैं ईवीएम मशीनों को लेकर केजरीवाल का डर बढ़ता जा रहा है. केजरीवाल का एक ही दर्द-ए-दिल है कि ईवीएम बेवफा है.


'बीजेपी के लिए फिक्स कर दी गई हैं मशीनें'


दिल्ली नगर निगम के चुनाव से पहले केजरीवाल आरोप लगा रहे हैं कि मशीनें बीजेपी के लिए फिक्स कर दी गई हैं. एमसीडी चुनाव को लेकर केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लेकर तीन मांगें की है.


अरविंद केजरीवाल की पहली मांग है कि एमसीडी चुनाव के लिए राजस्थान से ईवीएम मशीनें ना मंगाई जाए. दरअसल केजरीवाल का आरोप है कि ईवीएम मशीनों को अब नए तरीके से फिक्स किया गया है, किसी भी का बटन दबाने पर लाइट को उसी के सामने की जलेगी लेकिन वोट कमल यानि बीजेपी को जाएगा.


ईवीएम मशीन की टेक्निकल जांच करने की इजाजत


केजरीवाल की दूसरी मांग है कि चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम मशीन की टेक्निकल जांच करने की इजाजत दी जाए. वैसे हम आपको बता दें कि वोटिंग से पहले पार्टी के एंजेट मॉक पोल करते हैं, उसके बाद ही वोट डाले जाते हैं.


आपको बता दें कि 23 अप्रैल को दिल्ली में नगर निगम चुनाव है. पहली बार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इसमें किस्मत आजमा रही है. वैसे ये बात किसी से छिपी नहीं है कि दिल्ली की सत्ता में आऩे से पहले केजरीवाल कांग्रेस और बीजेपी पर आरोप लगाने का कोई मौका छोड़ते नहीं थे.


MCD चुनाव से पहले कई विवादों में घिर चुकी है केजरीवाल सरकार


केजरीवाल सरकार चुनाव से पहले कई विवादों में घिर चुकी है. फीस, दफ्तर और थाली कांड को लेकर विरोधी सवाल उठा रहे हैं तो केजरीवाल सीधे-सीधे चुनाव आयोग पर ही गंभीर आरोप लगा दिए.


ईवीएम के खौफ में अब सिर्फ केजरीवाल ही नहीं हैं. कांग्रेस सहित ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने ईवीएम के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात की है. वहीं चुनाव आयोग शुरू से ही ईवीएम के साथ खड़ा है और उसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार करता रहा है.