दिल्ली कार धमाका मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है. जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेटिव अबु उकासा ने इस हमले के मास्टरमाइंड उमर उन नबी को पूरी तरह रेडिकलाइज किया था. साल 2022 में उमर तुर्किए गया था, जहां उसकी मुलाकात अबु उकासा से हुई और इसी दौरान उसे भारत में बड़े हमले के लिए तैयार किया गया.

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एजेंसियों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद नहीं चाहता था कि इस हमले के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े नजर आएं, इसलिए पूरा ऑपरेशन तुर्किए से रिमोट तरीके से ऑपरेट किया जा रहा था. अबु उकासा लगातार उमर को निर्देश देता था और उसे भारत विरोधी कट्टर विचारधारा की ओर धकेलता रहा.

'पाकिस्तान जैसा कोई देश नहीं है'- उमर

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सूत्रों ने बताया कि उमर को इतना रेडकलाइज कर दिया गया था कि वो कहता था कि कश्मीर के मुसलमानों के अलावा कोई मुस्लिम अच्छा नहीं होता, पूरे देश के नॉन मुस्लिम और मुसलमानों को खत्म कर देना चाहिए. उमर यह भी कहता था कि पाकिस्तान जैसा कोई देश नहीं है. सभी को पाकिस्तान चलना चाहिए, पूरे विश्व मे सिर्फ पाकिस्तान में मुसलमानों का सम्मान होता है, इसलिए पूरे विश्व में पाकिस्तान के अलावा बाकी के देश अच्छे नहीं हैं.

अबू उकासा से संपर्क में था उमर

दिल्ली कार ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 कार चलाने वाला मोहम्मद उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेटिव अबू उकासा (कोड नेम) के सीधे संपर्क में था. उकासा ही उमर और डॉ. मुजम्मिल शकील दोनों का हैंडलर था और वही पूरे ऑपरेशन को बाहर से कंट्रोल कर रहा था.  एजेंसियों को शक से बचने के लिए डॉ. मुजम्मिल ने कबूल किया कि उसने साल 2022 में तुर्किए की यात्रा सिर्फ अपने हैंडलर उकासा से मिलने के लिए की थी. वहीं, अंकारा में ही उमर और मुजम्मिल दोनों को कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित किया गया और उन्हें भारत में हमला करने के लिए उकसाया गया.

कौन है अबू उकासा

अबू उकासा जैश-ए-मोहम्मद का एक्टिव कमांडर है और मसूद अजहर के बेहद करीबी रिश्तेदारों में शामिल है. शुरुआती दौर में हैंडलर से बातचीत व्हाट्सऐप पर होती थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए बाद में कम्युनिकेशन सेशन ऐप पर शिफ्ट कर दिया गया ताकि चैट न तो ट्रेस हो सके और न ही लीक हो सके.

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