दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान हो गई है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि लाल किला विस्फोट स्थल से जुटाए गए नमूनों के DNA विश्लेषण से यह पुष्टि हुई है कि उमर उन नबी उस कार को चला रहा था, जिसमें विस्फोट हुआ था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाल किले के नजदीक धमाका करने से पहले आतंकी उमर तुर्कमान गेट के पास मस्जिद में भी गया था. वह वहां करीब 10 मिनट से ज्यादा वक्त तक रुका था, जिसके बाद लाल किले की तरफ चला गया. मस्जिद में जाने की उमर की एक तस्वीर भी सामने आई है. 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे उमर ने अपने समेत पूरी गाड़ी को उड़ा दिया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर नबी की मां और भाई के DNA नमूने एकत्र करके एम्स की फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए, जहां उनका मिलान दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखे शवों के अवशेषों से किया गया. धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था. बाद में, जांच अधिकारियों ने उसका मिलान उमर के डीएनए से किया. डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति उमर उन नबी ही था.
मस्जिद पहुंचने से पहले उमर का रोड मैप
दिल्ली पुलिस के पास डॉ उमर के करीब 50 जगहों के सीसीटीवी फुटेज है. दिल्ली पुलिस मैपिंग के हिसाब से 3 बजे से पहले इसने दिल्ली की कई जगहों पर गाड़ी घुमाई है. यानी डॉक्टर उमर जब फरीदाबाद से दिल्ली में घुसा तो उसने दिल्ली के कई इलाकों के चक्कर लगाए थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पहले उमर साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में कई जगह देखा गया. वहां से ईस्ट डिस्ट्रिक्ट से सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की रिंग रोड तक गया. वहां से नार्थ डिस्ट्रिक्ट से नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के अशोक विहार गया, जहां कुछ खाने के लिए रुका था. वहां से दोबारा सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट आया और फिर मस्जिद गया. मस्जिद से उमर 3 बजकर 19 मिनट पर निकलकर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के लाल किला पार्किंग पहुंचा.
20 लाख रुपए इकट्ठा किए
इस मामले में एक और खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर अदील और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपए इकट्ठा किए, जो उमर को सौंप दिए गए. उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर भी कुछ विवाद हुआ था. बाद में उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपए मूल्य का कई क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा, जिसका इस्तेमाल आईईडी बनाने के लिए किया गया. सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस ग्रुप में 2 से 4 सदस्यों के लिए उमर ने सिग्नल ऐप भी बनाया था.
भारी ट्रैफिक के बीच धमाका
ब्लास्ट उस समय हुआ, जब भारी ट्रैफिक था. इस कारण उमर की गाड़ी में हुए धमाके ने आसपास के कई वाहनों को चपेट में ले लिया. इस आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर अब तक 12 हो गई है.
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