दिल्ली में इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लहर है. शनिवार (8 फरवरी, 2025) सुबह से वोटों की गिनती चल रही है, जिसमें साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गई है और दिल्ली के सिंहासन पर बीजेपी विराजमान होगी. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज जैसे आप के बड़े नेता चुनाव हार गए हैं. आप सरकार की वो कौन सी गलतियां रहीं, जिसकी वजह से तीसरी बार जीत से चूक गई.
शराब नीति, भ्रष्टाचार के आरोप, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेताओं का जेल जाना और अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद छोड़कर आतिशी को सीएम बनाना... आप के इस हाल पर ये सभी मुख्य मुद्दे तो चर्चा में हैं ही लेकिन जनता से जुड़े कई और ऐसे मुद्दे भी हैं, जिसका पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है. सीनियर जर्नलिस्ट रामधानी द्विवेदी ने डिटेल में इन मुद्दों के बारे में बताया और समझाया कि कैसे इन्होंने आप की इमेज को खराब किया.
रामधानी द्विवेदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जो गलतियां कीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में, उसमें सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में जो प्रयोग शुरू किए थे वह आगे नहीं चल पाए. लोगों को ये लगा कि ये सिर्फ राजनीतिक घोषणाएं थीं और ये जो काम शुरू करते हैं उसको पूरा नहीं कर पाते या उसको सही तरीके से आगे नहीं ले जाते.
रामधानी द्विवेदी ने कहा, 'नंबर दो'... एक बड़ा वर्ग है दिल्ली में ऑटो वालों का. उन्होंने आप से बहुत उम्मीद रखी थी और तरह-तरह की घोषणाएं उनके फेवर में कर रहे थे. एक समय तो ऐसा था कि सभी ऑटो वाले आप के अंध समर्थक हो गए थे और उन्हें वोट देते थे, लेकिन अब उनकी ये धारणा हो गई है कि ये कह तो देते हैं, लेकिन उनको पूरा नहीं कर पाते इसलिए इस बार ऑटो वालों ने इनका पूरा साथ नहीं दिया.'
रामधानी द्विवेदी ने आगे कहा कि तीसरी बात ये थी कि आप देख रही थी कि महिलाओं का सपोर्ट लेने से या महिलाओं को कुछ मदद करने से इन्हें वोट मिल जाते थे. जैसे डीटीसी बस में फ्री यात्रा की सुविधा दे दी और दो बार वह जीत गए. इस बार भी आप ने कहा था कि हर महिला के खाते में 2100 रुपये पहुंचेगें, लेकिन इसका जवाब दूसरी पार्टियों ने दे दिया कि पंजाब में भी इन्होंने ऐसा वादा किया था, लेकिन एक भी महिला के खाते में पैसे नहीं पहुंचे. वहीं, बीजेपी ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जो वादे किए उन्होंने उन्हें पूरा किया.
चौथी कमी उन्होंने गिनवाई कि आप के ठोस वोटर झुग्गी-झोपड़ी लोग थे. इस बार के चुनाव प्रचार में आम आदमी पार्टी ने ये कहा कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो आपकी झुग्गी-झोपड़ियों पर कब्जा कर लेगी, जमीन ले लेगी. ये इनका नेगेटिव प्रचार था इन्हें लग रहा था कि इस तरह ये वोटर जो हमारे हैं हमें वोट देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रामधानी द्विवेदी ने कहा कि आप मिडिल क्लास के लोगों से ही आगे आती थी, लेकिन इस बार आप का जादू नहीं चल पाया और केंद्र ने हाल के बजट में जो रियायतें दीं उससे मिडिल क्लास का वोट अरविंद केजरीवाल से खिसक गया.
रामधानी ने कहा कि पांचवीं और सबसे महत्वपूर्ण चीज कि अरविंद केजरीवाल के ढेर सारे ऐसे वादे थे जो पहले वह करते थे और बाद में उनसे मुकर जाते थे. लोग उम्मीद करते थे कि ये कुछ ने कुछ हमारे हित की बात करेंगे और वादा करने के बावजूद वो सब चीजें नहीं हो पाती थीं. उन्होंने कहा, 'मेरे ख्याल में अरविंद केजरीवाल के लिए लोगों की धारणा इसी से बदलीं. लोगों ने ये सोचा कि ये वादे तो करते हैं पर पूरे नहीं कर पाते हैं. उदाहरण कई रूप में सामने आए और इस बार की इनकी जो हार दिख रही है, उसके पीछे यही सब मुख्य कारण थे.'
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