इंडियन आर्मी के चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार (22 नवंबर, 2025) को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक भरोसेमंद ऑक्रेस्ट्रा था, जहां हर म्यूजिशियन ने एक साथ मिलकर अपना-अपना रोल निभाया. इस वजह से हमने 22 मिनट में नौ टेररिस्ट टारगेट को खत्म करने में कामयाब रहे. 88 घंटों के भीतर लड़ाई खत्म हो गई. जरूरी बात यह है कि अगर हमने यह सोचा नहीं होता और पूरी टीम पर भरोसा नहीं किया होता तो फैसले लेने का समय नहीं होता.
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी NDIM (New Delhi Institute of Management) के तरफ से आयोजित 27वें कॉन्वोकेशन को संबोधित करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि मौके और संकट के हिसाब से ढलना जरूरी है. इस यात्रा में हमारी कोशिश सेनाओं, नेवी और एयरफोर्स के तालमेल को बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य है.
दुनिया कभी रुकी नहीं रहेगी: आर्मी चीफ
आर्मी चीफ ने कहा, "आज जब आप आगे बढ़ें, तो याद रखें कि दुनिया कभी रुकी नहीं रहेगी. मार्केट बदलेंगे, टेक्नोलॉजी बढ़ेगी और आपके अपने सपने भी बदलेंगे. उसी रफ्तार में आपको आगे बढ़ना है. यही सबसे बड़ी ताकत है. सीखने की कोशिश, समय के साथ ढलने के फुर्ती, और लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का विजन ही सबसे कारगर है. बदलाव वह नहीं जो हमारे साथ होता है, बदलाव वह है जो हम इसके जरिए बनना पसंद करते हैं.
उन्होंने कहा कि आर्मी रीस्ट्रक्चरिंग और जॉइंट ट्रांसफॉर्मेंशन के लिए अपडेशन जरूरी है. अब टेक्नोलॉजी युद्ध और ग्लोबल पावर शिफ्ट को नए सिरे से परिभाषित कर रही है.
पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर भारत की तरफ से 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय आर्मी की तरफ किया गया, बड़ा ऑपरेशन था. इस हमले में पाकिस्तान के इन इलाकों में मौजूद आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था. यह सैन्य कार्रवाई भारत की तरफ से पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी. यह अभियान स्वदेशी तकनीक पर आधारित लक्षित ठिकानों पर था. इसमें ड्रोन और सेटैलाइट से निगरानी रखकर, पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था.