नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के विधायक सोमदत्त के खिलाफ मुकदमा शुरू कर दिया है. सोमदत्त पर साल 2015 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दंगा फैलाने, एक व्यक्ति को गलत ढंग से रोकने और उसके साथ मारपीट करने का आरोप है.


दोषी पाए जाने पर हो सकती है 7 साल की सजा


मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट रूबी नीरज कुमार ने सदर बाजार इलाके से विधायक सोमदत्त के खिलाफ आरोप तय कर दिए क्योंकि उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए मुकदमे का सामना करने का फैसला किया था.


कोर्ट ने प्रॉसिक्यूशन के सबूतों को दर्ज करने के लिए मामले को 27 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया और शिकायतकर्ता राजीव राणा को समन जारी किए. इन अपराधों के लिए दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है.


विधायक फिलहाल जमानत पर है. अदालत ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दंगा करने, गलत ढंग से रोकने, जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने तथा गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने के आरोप तय किए हैं.


2015 में सोमदत्त के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR


आरोप तय करने का आदेश देते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की ओर से पेश कानूनी नियमों, तथ्यों और मामले की परिस्थितियों और गवाहों के दर्ज बयानों के मद्देनजर मेरे विचार से आरोपी के खिलाफ प्रथमदृष्टया मामला बनता है.’’


उत्तरी दिल्ली के गुलाबी बाग पुलिस थाने में साल 2015 में सोमदत्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप लगाया गया था कि इलाके में प्रचार कर रहे विधायक और उनके करीब 50 समर्थक शिकायतकर्ता संजीव राणा के घर पहुंचे थे.


अभियोजन ने आरोप लगाया कि जब इस पर शिकायतकर्ता ने आपत्ति जताई तो विधायक ने कथित तौर पर बेसबॉल के बैट से उसके पैरों पर मार की और उनके समर्थक राणा को घसीटते हुए सड़क पर ले आए और उन्हें पीटने लगे जिससे उन्हें गंभीर चोट आई. सोमदत्त के अधिवक्ता ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को खारिज किया.