दिल्ली: गाजीपुर में कूड़े का पहाड़ गिरने से 2 की मौत, बड़ा सवाल- जिम्मेदार कौन?
एबीपी न्यूज़ | 02 Sep 2017 08:51 AM (IST)
दिल्ली और यूपी को जोड़ने वाले एनएच 24 के पास बना कूड़े का पहाड़ हमेशा विवादों में रहा है. नियमों के मुताबिक, डंपिंग ग्राउंड की ऊंचाई 20 मीटर से ऊपर नहीं होनी चाहिए. लेकिन ये 60 मीटर ऊंचा है. पिछले साल कूड़े के इस पहाड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
नई दिल्ली: दिल्ली में कूड़े और उसके खतरों पर एबीपी न्यूज लगातार देश को जानकारी देता आया है. हाईकोर्ट के आदेश पर एबीपी न्यूज ने कई बार दिल्ली में कूड़े की जांच की और रिपोर्ट भी दी, फिर भी सरकारों की नींद नहीं खुली और फिर वही हुआ जिसका डर था. दिल्ली के गाजीपुर में कल कूड़ा डंपिंग ग्राउंड का एक हिस्सा गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के बाहरी इलाके गाजीपुर में डंपिंग ग्राउंड का एक बड़ा हिस्सा कल बारिश की वजह से धंस कर सड़क और नहर में गिर गया. सड़क पर दौड़ती एक कार और तीन मोटर साइकिल इसकी चपेट में आ गईं. बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से कूड़े के पहाड़ में गैस बन गई जिसके चलते हादसा हो गया. हादसे के बाद एनडीआरएफ और बचाव दल की टीम मौके पर पहुंची. पांच लोगों को समय रहते बचा लिया गया. मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी पहुंचे. केजरीवाल ने यहां चश्मदीदों से बात की. दिल्ली और यूपी को जोड़ने वाले एनएच 24 के पास बना कूड़े का पहाड़ हमेशा विवादों में रहा है. नियमों के मुताबिक, डंपिंग ग्राउंड की ऊंचाई 20 मीटर से ऊपर नहीं होनी चाहिए. लेकिन ये 60 मीटर ऊंचा है. पिछले साल कूड़े के इस पहाड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘’कुतूब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है. कूड़े डालने की जगह की ऊंचाई 45 मीटर तक पहुंच गई है. अब ये सिर्फ कुतूब मीनार से 28 मीटर ही कम है. जल्द ही कोई उपाय खोजना होगा. नहीं तो कुतूब मीनार से ऊंचा हो जाएगा. सरकार के पास इससे निपटने के लिए क्या इंतजाम है? ‘’ गाजीपुर में कूडे के पहाड़ पर सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी एक साल पुरानी है. अब कूड़े की ऊंचाई 60 मीटर तक पहुंच गई है. आपको बता दें कि इस डंपिंग ग्राउंड की जिम्मेदारी पूर्वी एमसीडी की है. गाजीपुर में इस जगह कूड़ा डालने की शुरुआत 1984 में हुई थी. तब से अब तक ये कूड़े का ये पहाड़ 29 एकड़ तक फैल गया है. ऊंचाई कुतूबमीनार को छू रही है. इलाके के लोग यहां पहले से बदबू और जलते कूड़े के धुएं से परेशान थे. लेकिन अब इस कूड़े ने जान लेना भी शुरू कर दिया है.