Artificial Intelligence (AI) in Defense: रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन डिफेंस' प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की मंशा कभी भी दुनिया पर राज करने की नहीं रही लेकिन कोई और देश आकर भारत पर राज करने की न सोचने लगे इसके लिए हमें अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) की क्षमता को विकसित करना ही होगा.  


रक्षा मंत्री ने कहा, “वैसे तो आर्टिफिशियल चीजों को पसंद नहीं किया जाता है. ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती. लेकिन आर्टिफिशियल क्षमता हमेशा से महत्वपूर्ण रही है. सभ्यताओं की शुरूआत में खेती के उपकरण और गाड़ी के पहिए भी आर्टिफिशियल ही थे. अरेबियन नाइट्स में उड़ने वाला कालीन सुना था. ऐसे किस्से आने वाले समय में हकीकत में तब्दील हो सकते हैं.”


मानव कल्याण के लिए हो इसका इस्तेमाल
राजनाथ सिंह ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और न ही इस पर कुछ देशों का कब्जा होना चाहिए. इसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए होना चाहिए.”


एआई पर तकनीक और सैन्य उपकरण आज मिलने जा रहे हैं
रक्षा मंत्री (Defense Minister) ने कहा, “सेना को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर आधारित 75 तकनीक और सैन्य उपकरण (Military Equipment) आज मिलने जा रहे हैं.  इससे कई काम आसान हो जाएंगे जैसे कि बॉर्डर पर सैनिकों को हथियार या रसद पहुंचानी हो, सरहद पर किसी रोबो-सोल्जर को तैनात करना हो, एलएसी पर चीन के सैनिकों की मंदारिन (Mandarin) भाषा को तुरंत हिंदी या इंग्लिश में सुनना हो या फिर सीमा पर दुश्मन देश के सैनिक (Soldier) के नापाक इरादे भांपने हो.”


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