Shaurya Chakra: गुजरात के सैनिक के मरणोपरांत शौर्य चक्र मेडल (Shaurya Chakra Medal) को डाक के जरिए माता-पिता को भेजा गया था. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, गुजरात (Gujarat) वाले मामले में नेक्सट ऑफ किन अभी भी पत्नी ही थी. क्योंकि दोनों का तलाक नहीं हुआ था. रक्षा मंत्रालय ने जब पत्नी को निमंत्रण भेजा तो उसने आने से मना कर दिया. ऐसे में अलंकरण समारोह को लेकर रक्षा मंत्रालय के नियम कहते हैं कि अगर एनओके आने में सक्षम नहीं है तो डाक के जरिए मेडल भेजा जा सकता है.


गुजरात के बहादुर सैनिक के मरणोपरांत शौर्य चक्र मेडल को डाक के जरिए माता-पिता को भेजने के मामले में हालांकि अभी तक रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक पक्ष सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय को इस बाबत पत्र लिखकर गुजारिश की थी कि परिवारवालों को राष्ट्रपति भवन बुलाकर सम्मान दिया जाना चाहिए. इसके बावजूद रक्षा मंत्रालय ने सिग्नल कोर के डीजी को पोस्ट के जरिए मेडल भेजने का आदेश दे दिया. 


राष्ट्रपति भवन में अलंकरण समारोह होता है आयोजित


साल में दो बार रक्षा मंत्रालय राष्ट्रपति भवन में अलंकरण समारोह आयोजित करता है. इस दौरान वीर सैनिकों और वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को मरणोपरांत वीरता मेडल प्रदान किए जाते हैं. मरणोपरांत मेडल सैनिक के 'नेक्सट ऑफ किन' (एनओके) यानि सबसे करीबी परिवारवाले को सौंपा जाता है. एनओके की जानकारी हर सैनिक अपनी यूनिट में सेना में खुद देता है. ऐसे में उसी को अलंकृण समारोह में बुलाया जाता है और वीरगति को प्राप्त हुए सैनिक की पेंशन इत्यादि भी उसी को मिलती है. 


विवादों के बाद किया गया बदलाव


हाल के सालों में कई बार ऐसे विवाद सामने आए जहां वीरगति को प्राप्त हुए सैनिक की पत्नी और माता-पिता के बीच पेंशन या फिर मेडल लेने को लेकर विवाद सामने आया. ऐसे में मोदी सरकार ने पिछले दो-तीन साल से अलंकरण समारोह में मरणोपरांत मेडल पत्नी के साथ-साथ माता या पिता को भी देना शुरू कर दिया. यही वजह है कि अब राष्ट्रपति से मेडल लेते वक्त पत्नी के साथ परिवार का एक और सदस्य दिखाई पड़ता है. 


शौर्य चक्र डाक से भेजने वाले मामले पर सेना की जज एडवोकेट जनरल ब्रांच (जैग) के रिटायर्ड कर्नल अमित कुमार का कहना है कि ये बात सही है कि रक्षा मंत्रालय के नियम अनुसार नेक्सट ऑफ किन (एनओके) को ही दिया जाता है, लेकिन जहां वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की वीरता और शौर्य से जुड़े मेडल (Shaurya Chakra Medal) की बात है तो नियमों में थोड़ा बदलाव किया जा सकता है. शौर्य चक्र की अपनी गरिमा होती है. ऐसे में राष्ट्रपति भवन में अलंकरण समारोह में ही परिवार को देना चाहिए था.


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