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भारत के पहले स्वदेशी फाइटर जेट तेजस Mk1A ने शुक्रवार (17 अक्टूबर) को सफल उड़ान भरी. इसकी वजह से भारतीय वायु सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ जाएगी. इस मौके पर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नासिक पहुंचे. उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले वक्त में डिफेंस के 100 प्रतिशत उपकरण अपने ही देश में बनेंगे.

राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैंने आज जब नासिक डिवीजन में तैयार किए गए Sukhoi-30, LCA और HTT-40 विमानों की उड़ान देखी, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया. उन जेट्स की उड़ान रक्षा क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ है. पिछले छह दशकों से भी अधिक समय से, HAL नासिक ने भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में, एक मजबूत स्तंभ की भूमिका निभाई है.''

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रक्षा से जुड़े 65 प्रतिशत उपकरण अब भारत में बन रहे

रक्षामंत्री ने कहा, ''नासिक एक तरफ डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग यानी कि निर्माण का प्रतीक भी है, और दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर दुश्मनों के संहार की भी क्षमता रखता है. एक समय था, जब देश रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर निर्भर था और लगभग 65-70 प्रतिशत डिफेंस के उपकरण आयात किए जाते थे, लेकिन आज इस स्थिति में बदलाव आया है, अब भारत 65 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग अपनी ही धरती पर कर रहा है. बहुत जल्द हम अपनी डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को भी 100% तक ले जाएंगे.''

राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को किया याद

उन्होंने कहा, ''ऑपरेशन सिंदूर के दौरान HAL की टीम ने 24 घंटे लगातार विभिन्न ऑपरेशनल साइट्स पर सपोर्ट दिया. फाइटर जेट्स जैसे सुखोई, जगुआर, मिराज, तेजस और हेलीकॉप्टर्स के रखरखाव और रिपेयर तुरंत किए, ताकि भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल रिडीनेस बनी रहे. यह इस बात का प्रतीक था कि जब बात देश की सुरक्षा की आएगी तो हम इक्यूपमेंट खुद बना भी सकते हैं, और उन इक्यूपमेंट से खुद की रक्षा भी कर सकते हैं.''