Defence Minister Rajnath Singh: देश में एकल परिवारों का बढ़ना और संयुक्त परिवारों के घटने से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह काफी चिंतित हैं. सिंह ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को एक कार्यक्रम में अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि "एकल परिवार तक तो ठीक था पर समाज में अनेक कारण पनपने लगे हैं जिसके चलते एकल परिवार भी टूटे और समाज उप-एकल परिवार की तरफ आगे बढ़ा है, अगर इस गति को नहीं रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब समाज में विवाह की संकल्पना ही खत्म हो जाएगी."
राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के 63वें स्थापना दिवस में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में कहा, "जाने-अनजाने ही सही, लोग अपने घर-परिवार से दूर होते जा रहे हैं. लोग शहरों में कमाने गए, वहां अच्छे से सेट होने के बाद वहीं रहने लग गए. कभी जरूरतों तो कभी मजबूरियों के चलते बूढ़े मां-बाप गांव में ही रह गए."
तो समाज में विवाह का कॉन्सेप्ट ही खत्म हो जाएगा...
राजनाथ सिंह ने कहा, "अब तो एकल परिवार (न्यूक्लियर फैमिली) भी टूटने लगे हैं. अगर इस रफ्तार को रोका नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब समाज में विवाह का कॉन्सेप्ट ही खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के बाद जिस तरह से वर्क कल्चर बदला है, उससे समाज पर जाने-अनजाने में नकरात्मक प्रभाव यह पड़ा है कि लोग अपने घर-परिवारों से दूर होते जा रहे हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं कहीं एक लाइन पढ़ रहा था कि पेड़ गांव में ही रह जाता है और फल शहर जाता है. यह लाइन हमारे वर्तमान समाज को बड़े बारीकी से व्यक्त करती है.'
जॉइंट फैमिलीज खंडित हुईं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'वेस्टर्न कल्चर के प्रभाव में आकर जॉइंट फैमिलीज खंडित हुईं और समाज में न्यूक्लियर फैमिलीज का चलन बढ़ा. कुछ लोगों ने तर्क भी दिया कि जॉइंट फैमिलीज में नवदंपती को जरूरी स्पेस नहीं मिल पाता है. इसका हल आया कि समाज में न्यूक्लियर फैमिलीज बननी शुरू हुईं. लेकिन सामाजिक बदलावों की अपनी एक गति होती है. एक दिशा होती है जो शुरू होने के बाद उसी ओर आगे बढ़ती रहती है.'
यह एक बड़ा सामाजिक संकट है
देश के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा, "यह पसंद की स्वतंत्रता का मामला प्रतीत हो सकता है, लेकिन सही मायनों में यह मनुष्य को अकेलेपन की ओर धकेलने वाला एक बड़ा सामाजिक संकट है जिससे बचाने की जरूरत है. कई चिकित्सा अध्ययन बताते हैं कि अकेलापन व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का मूल कारण है. हमें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या हम तथाकथित आधुनिकता के नाम पर अपनी सामाजिक भलाई को नष्ट कर रहे हैं."