दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा बुलाई गई अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को 25वें दिन भी जारी रही और शुक्रवार की रात भड़की ताजा हिंसा में अब तक तीन व्यक्तियों की मौत हो चुकी है.


कड़ी सुरक्षा के बीच निकलीं शव यात्राएं


हिंसा और आगजनी की घटनाएं रविवार को भी जारी रहीं और तीनों मृतकों को अपना कार्यकर्ता बताते हुए जीजेएम ने आरोप लगाया है कि पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हुई. पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा में रविवार को जीजेएम समर्थकों ने शव यात्राएं निकालीं.


जीजेएम के सहायक महासचिव बिनय तमांग ने कहा, "पुलिस ने कल (शनिवार) हमारे तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी. दो व्यक्तियों की मौत दार्जिलिंग में हुई, जबकि एक अन्य समर्थक की मौत दार्जिलिंग से 17 किलोमीटर दूर सोनादा में हुई."


हमारे पास कोई हथियार नहीं था, पुलिस ने ही चलाईं गोलियां: तमांग


तमांग ने कहा, "हमने शनिवार को मारे गए अपने तीन गोरखा भाइयों को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए दार्जिलिंग बाजार इलाके में दो शवों की शव यात्राएं निकालीं जबकि एक शव यात्रा सोनादा में निकाली गई." उन्होंने कहा, "हमारे पास कोई हथियार नहीं था. पुलिस के पास ही हथियार थे. तो यह साफ है कि गोलियां पुलिस ने ही चलाईं."


पुलिस ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रविवार की सुबह कुरसियोंग में प्रखंड कार्यालय को आग लगा दी, जिसमें इमारत का एक हिस्सा जल गया. गोरखालैंड समर्थकों ने पोखरिबिंग पंचायत कार्यालय को भी आग लगा दी और दार्जिलिंग के पोखरी में स्थित पुलिस की एक सीमा चौकी में तोड़-फोड़ की.


'इलाके में तोड़-फोड़ किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा'


राज्य के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने इलाके में तोड़-फोड़ किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की और दावा किया कि जीजेएम से संबद्ध 'कुछ दूसरे देश' हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं. चटर्जी ने कहा, "वे जो कुछ कर रहे हैं, वह अलोकतांत्रिक और निंदनीय है. यह साफ है कि जीजेएम से संबद्ध कुछ दूसरे देश हिंसा भड़का रहे हैं."


शुक्रवार की देर रात अचानक भड़की हिंसा में तीन व्यक्तियों की मौत और एक पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद शनिवार को इलाके में सेना की दो टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं.