चक्रवाती तूफान दित्वा से मची तबाही के बाद अब श्रीलंका की मदद के लिए भारत आगे आया है. भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है. शुक्रवार को सरकार की तरफ से राहत सामग्री समेत कई जरूरी सहायता श्रीलंका भेजी गई है. इधर, पीएम मोदी ने हर संभव मदद का आश्वासन श्रीलंका को दिया है.
क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए भारत श्रीलंका को और अधिक सहायता प्रदान करेगा. उन्होंने कहा- श्रीलंका के उन लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है, जिन्होंने चक्रवात दित्वा के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं सभी प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, सांत्वना और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वा से मची तबाई में बड़ी तबाही श्रीलंका में देखने को मिली है. इसमें भूस्खलन और बाढ़ के चलते 56 लोगों की मौत हो चुकी है. श्रीलंकाई की तरफ से आधिकारिक जानकारी साझा की गई है. इसमें बताया गया है कि 12,313 परिवारों के 43,900 से अधिक लोग खराब मौसम से प्रभावित हुए हैं. श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया है कि पिछले 72 घंटों में 46 मौत के मामले दर्ज किए गए हैं.
श्रीलंका सरकार ने आपात स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को आवश्यक सेवाओं के अलावा सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है.
INS विक्रांत और INS उदयगिरी से पहुंचाई मदद
भारत ने अपने पड़ोसी देश श्रीलंका को ये मदद सबसे शक्तिशाली युद्धपोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी से पहुंचाई है. साथ ही इन युद्धपोत को श्रीलंकाई नौसेना की मदद के लिए तैनात किए गया. इन्हें 25-26 नवंबर को कोलंबो में तैनात किया गया था. श्रीलंकाई नौसेना ने विमानों के उपयोग के लिए औपचारिक अनुरोध किया था.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी, कि श्रीलंका के पूर्वी निंकोमाली इलाके में आए तूफान की वजह से राहत के लिए आईएनएस विक्रांत के विमानों के लिए औपचारिक अनुरोध किया गया था.