IAF Plane suffer a Cyber Attack: ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भूकंप प्रभावित पड़ोशी देश म्यांमार में राहत सामग्री पहुंचाने वाला भारतीय वायुसेना (IAF) का एक विमान साइबर अटैक का शिकार हो गया. वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर-हरक्यिलस विमान पर यह साइबर हमला तब हुआ जब वह ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत एनडीआरएफ और भारतीय सेना की मेडिकल टीम के साथ अन्य राहत सामग्रियों को पहुंचाने के लिए म्यांमार जा रहा था. हालांकि, वायुसेना के जांबाज पायलटों की सुझबुझ से इसका कोई घातक प्रभाव नहीं पड़ा और विमान सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच गया.
वायुसेना के विमान के जीपीएस सिग्नल से छेडछाड़ कर उसे हवा में भटकाने की कोशिश की गई थी. इसे वायुसेना की भाषा में स्पूफिंग कहा जाता है. हालांकि, अब तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि म्यांमार के हवाई क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के विमान में ये स्पूफिंग किसने की. लेकिन इस हमले का पता चलते ही विमान के पायलट ने समझदारी दिखाते हुए पारंपरिक नेविगेशन सिस्टम के जरिए विमान को म्यांमार में नैपिडा और मंडाले में सही एयरबेस पर लैंड किया.
सूत्रों ने बताया कि विमान में स्पूफिंग का पता चलते ही भारतीय वायुसेना के पायलट चौंकने हो गए. उन्होंने विमान को सही दिशा में लेकर जाने के लिए तुरंत प्लेन में लगे बैकअप सिस्टम का इस्तेमाल किया. वायुसेना के विमान में इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) लगा था. यह सिस्टम बेहद सटीक है. यह एक ऐसा सिस्टम है जो विमान गति और दिशा को मापने के लिए जाइरोस्कोप का इस्तेमाल करता है.
क्या है जीपीएस स्पूफिंग?
‘GPS स्पूफिंग’ उस प्रक्रिया को कहते हैं कि जिससे आमतौर पर विमान के पायलट को गलत को-ऑर्डिनेट्स देकर उसे हवा में भटकाने की कोशिश की जाती है. इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में चीन को महारत हासिल है. ऐसे में शक चीन की तरफ ही जा रहा है. साथ ही म्यांमार में चीन समर्थित विद्रोही संगठन भी बेहद सक्रिय हैं और कई प्रांतों पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है, जहां जुंटा (मिलिट्री शासन) का कोई जोर नहीं चलता है. लेकिन विद्रोही संगठनों के पास ऐसी कोई आधुनिक जैमिंग प्रणाली होने पर थोड़ा संशय है.
एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, इस तरह की स्पूफिंग को जंग के दौरान बैटलफील्ड (एयरस्पेस) या फिर किसी ऑपरेशन्ल एरिया में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में जो भी विमान उस एयर-स्पेस से गुजरता है तो उसकी जीपीएस हैक हो जाती है, और पायलट दिशा-विहीन हो जाता है.
म्यांमार में आए भयानक भूकंप के बाद भारत ने शुरू किया था ऑपरेशन
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने के अंत में 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 और 6.4 की तीव्रता वाला दो जोरदार और भयानक भूकंप आया था. अब तक इसके कारण 3,649 लोगों की मौत हुई और 5,000 से ज्यादा घायल हैं. म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने एक पड़ोसी के तौर म्यांमार को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा के नाम के राहत मिशन शुरू किया था. इस मिशन के तहत भारत ने म्यांमार में अब तक हजारों टन राहत सामग्री भेजी.