भारत में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच कम पड़ रही वैक्सीन को लेकर यह लगातार सवाल उठ रहा कि कैसे देश की इतनी बड़ी आबादी को कोरोना का टीक लग पाएगा. इस बीच, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वर्तमान में मई-जून तक कोवैक्सीन का उत्पादन दो गुणा बढ़ जाएगा और जुलाई-अगस्त के बीच इसके उत्पादन में करीब 6 से 7 गुना का इजाफा हो जाएगा.


सितंबर तक हर महीने 10 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन


मंत्रालय ने आगे कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सितंबर तक हर महीने में 10 करोड़ कोवैक्सीन का उत्पादन होने लग जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि भारत बायोटेक को केन्द्र सरकार की तरफ से वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब 65 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जा रही है. इसके अलावा, तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भी मदद दी जा रही है ताकि वे वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को बढ़ाए.


नीयत पर शक करना निराशाजनक- भारत बायोटेक


भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि कोविड टीकों की आपूर्ति के संबंध में कंपनी की नीयत को लेकर कुछ राज्यों द्वारा शिकायत किया जाना काफी निराशाजनक है. भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने ट्वीट किया कि कंपनी पहले ही 10 मई को 18 राज्यों को कोवैक्सीन टीकों की खुराकें भेज चुकी है.


 


उन्होंने लिखा, 'कम यातायात सुविधाओं के बावजूद 18 राज्यों को टीके की खुराकें पहुंचाई गई हैं. कुछ राज्यों द्वारा हमारी मंशा के बारे में शिकायत किया जाना निराशाजनक है. कोविड के चलते हमारे कई कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं, फिर भी हम आपके लिये लॉकडाउन के बीच हर समय काम कर रहे हैं.'


18 राज्यों में कोवैक्सीन की हो रही आपूर्ति


हैदराबाद में स्थित भारत बायोटेक आंध्र प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, असम, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत 18 राज्यों को कोवैक्सीन टीकों की आपूर्ति कर रही है.


 


इससे पहले, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि भारत बायोटेक ने दिल्ली सरकार को सूचित किया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी को कोवैक्सीन की “अतिरिक्त” खुराकें नहीं उपलब्ध करा सकता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोवैक्सीन का भंडार समाप्त हो गया है और नतीजतन 17 स्कूलों में बनाए गए करीब 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है.


 


सिसोदिया ने कहा, “कोवैक्सीन निर्माता ने एक पत्र में कहा कि वह अनुपलब्धता के चलते दिल्ली सरकार को संबंधित सरकारी अधिकारी के निर्देश के तहत खुराकें उपलब्ध नहीं करा सकता है. इसका मतलब केंद्र सरकार टीके की आपूर्ति को नियंत्रित कर रही है.” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को टीकों का निर्यात रोकना चाहिए और व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए देश में दो टीका उत्पादकों के टीका फॉर्मूले को अन्य कंपनियों के साथ साझा करना चाहिए.


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