CRPF DG On Anti Naxal Operation: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के डी़जी कुलदीप सिंह (CRPF)ने बुधवार को दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में देशभर में लेफ्ट विंग एक्स्ट्रेमिजम (LWE) में सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी को लेकर मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान डीजी कुलदीप सिंह ने दावा किया कि नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई अंतिम दौर में हैं. अगले एक साल में छत्तीसगढ़ से भी नक्सलियों का पूरी तरह सफाया हो जाएगा. हाल के महीनों में बिहार और झारखंड़ को पूरी तरह से नक्सली मुक्त राज्य बना दिया गया है. 

साथ ही सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी पिछले 9 महीने से कोई नक्सली हमला या कोई घटना नहीं हुई है. ऐसे में साफ है कि छत्तीसगढ़ में भी नक्सल-प्रभाव काफी कम हो रहा है. देश में अभी भी 25 नक्सल-प्रभावित जिले है, लेकिन धीरे-धीरे नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है. उन्होने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कब्जे से कंट्री मेड ग्रेनेड लॉन्चर बरामद हुए. ऐसे में ऐसा लगता है कि नक्सलियों ने यूबीजीएल (अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) बनाने की कोई फैक्ट्री लगा रखी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ और राज्य सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा कि  गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवाद और आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा.

बूढ़ा पहाड़ से हुआ नक्सलियों का सफायाडीजी कुलदीप सिंह के मुताबिक झारखंड का नक्सली गढ़ बूढ़ा पहाड़ इलाके में जहां पिछले कई सालों से सुरक्षाबल जा नहीं हो सकते थे.  इस साल अप्रैल के महीने से बूढ़ा पहाड़ में तीन अलग-अलग ऑपरेशन किए गए. इनमें डबल बुल (बुल-बुल), ऑपरेशन ऑक्टोपस और ऑपरेशन थंडर-स्ट्रोम शामिल है. इन ऑपरेशन के दौरान कई नक्सली धर-दबोचे गए और भारी मात्रा में आईईडी, लैंड माइन्स और हथियार बरामद किए.

डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि नक्सलियों का सफाया कर बूढ़ा पहाड़ इलाके में सीआरपीएफ ने अपना कैंप भी स्थापित कर लिया है. मंगलवार को वहां सुरक्षाबलों से भरा एक हेलीकॉप्टर लैंड कर चुका है. उन्होने बताया कि बूढ़ा पहाड़ में ऑपरेशन थंडर-स्ट्रोम अभी भी चल रहा है.

बिहार भी नक्सलियों से हुआ मुक्तसीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह का कहना कि बिहार का चकरबंदा इलाका भी कुछ महीनों पहले तक ऐसा इलाका था, जहां कि सुरक्षाबल नहीं जा पाते थे, लेकिन अब इस क्षेत्र में भी सुरक्षाबलों ने अपने पांच फॉरवर्ड ओपरटिंग बेस (FOB) बना लिए हैं. इस एरिया को नक्सलियों से खाली कराने के दौरान चार अलग-अलग मुठभेड़ हुई, जिस दौरान तीन शीर्ष नक्सली मारे गए और सीआरपीएफ के एक अधिकारी भी लैंडमाइन की चपेट में आने से घायल हो गए थे.

कुलदीप सिंह इसी महीने सीआरपीएफ के महानिदेशक पद से रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में रिटायरमेंट से पहले उन्होने मीडिया को संबोधित कर नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक जंग के बारे मे जानकारी दी. उन्होनें बताया कि इस साल एलडब्लूई प्रभावित बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 14 नक्सली मारे गए. इसके अलावा कुल 578 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया या फिर गिरफ्तार हुए.

इस अभियान का अंतिम चरण में पहुंचना साबित करता कि 2018 के मुकाबले 2022 में वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की घटनाओं में 39 फीसदी की कम हुए. वहीं, सुरक्षा बलों के बलिदानों की संख्या में 26 प्रतिशत की कमी आई है. नागरिक हताहतों की संख्या में 44 फीसदी की कमी रही है. हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिलों की संख्या में भी 24 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

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