एक्सप्लोरर

आईआईटी-एनआईटी से निकल कर पिछड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों को चमकाने में लगे शिक्षकों की नौकरी पर संकट, दिल्ली में धरना देने को मजबूर

शिक्षकों का धरना नियमित किए जाने की मांग को लेकर है. इस साल मार्च में इन शिक्षकों ने धरना दिया था. तब इन्हें छह महीनों के लिए दोबारा विस्तार मिला. सितंबर महीने के अंत के साथ इनकी सेवा समाप्त हो जाएगी.

नई दिल्ली: एक तरफ देशभर में शिक्षक दिवस के आयोजन की तैयारी चल रही है वहीं एक दर्जन पिछड़े राज्यों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के युवा शिक्षक बीते कई दिनों से दिल्ली की सड़कों पर धरना दे रहे हैं. ये वो शिक्षक हैं जिनका चयन देश के पिछड़े राज्यों में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की गुणवत्ता सुधारने के लिए लिए 2017 में किया गया था.

बड़े जोर-शोर से TEQIP अभियान यानी टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (Technical Education Quality Improvement Programme) इसके तहत 2017 में तीन सालों के लिए करीब 1500 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन किया गया. इन लोगों के लिए एमटेक या पीएचडी में से एक डिग्री आईआईटी, एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से होना अनिवार्य था. गेट के स्कोर और इंटरव्यू के आधार पर बनी मेरिट लिस्ट से इनका चयन हुआ और आईआईटी, आईआईएम जैसी जगहों पर इन्हें ट्रेनिंग दी गई. लेकिन करीब चार साल बाद ऐसे योग्य शिक्षकों को अपनी नौकरी बचाने के लिए धरना देना पड़ रहा है.

एनआईटी सूरत से एमटेक कर चुके अंशुल अवस्थी उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाते हैं. अवस्थी ने कहा, "हम पिछले साढ़े तीन सालों से दिन रात काम कर रहे हैं. जहां हम पढ़ा रहे हैं वहां काफी सुधार आया है. लेकिन हम खुद केन्द्र और राज्य के बीच फंसे हुए हैं. हम पीएम मोदी के सपने को साकार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री से निवेदन है कि हमारी समस्या का संज्ञान लें."

दरअसल इस अभियान को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जो समझौता हुआ था उसमें कहा गया था कि अच्छे शिक्षकों को नियमित किया जाएगा. तीन साल गुजरने के बाद पिछले साल कोरोना के कारण इन लोगों का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया. मार्च महीने में इन शिक्षकों ने दिल्ली में धरना दिया जिसके बाद इन्हें छह माह के लिए दुबारा विस्तार मिला. सितंबर माह के अंत के साथ ही इनकी सेवा भी समाप्त हो जाएगी.

ऐसे ही एक शिक्षक अनुराग त्रिपाठी बताते हैं कि विश्व बैंक की सहायता से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था. केंद्र और राज्य के बीच हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग में तय हुआ कि अच्छे फैकल्टी को राज्य सरकार नियमित करेगी. नीति आयोग से लेकर विभिन्न कमिटियों ने कहा कि हम बैकबोन की तरह हैं. मार्च में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने हमें आश्वासन दिया कि दुबारा नहीं आना पड़ेगा. लेकिन कुछ हुआ नहीं. 

राजस्थान के झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा रही अंकिता चंद्राकर और शैलेंद्र गुप्ता भी तर्क देते हैं कि हमें नियमित किए जाने की बात कही गई थी. हमनें अपना बहुमूल्य समय दिया है. कुछ की आयु भी निकल रही है. इनका दावा है कि पहले सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों का बुरा हाल था जो अब थोड़ा बेहतर हुआ है. ये शिक्षक मानते हैं कि प्रोजेक्ट खत्म होने से इनकी हक तो मारा ही जाएगा साथ ही जिन कॉलेजों की हालत अच्छी हुई थी वो पुरानी स्थिति में आ जाएंगे.

फिलहाल ऐसे 1234 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. ये सभी जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा, असम, अंडमान निकोबार के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. बीते साढ़े तीन सालों से क्लासरूम टीचिंग के अलावा रिसर्च, लैब डेवलपमेंट, गेट ट्रेनिंग से लेकर NBA मान्यता तक में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. प्रदर्शन के आधार पर हर साल इनके वेतन भी बढ़ाए गए लेकिन अब प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद इनके सामने भविष्य का संकट है.

इस प्रोजेक्ट को विश्व बैंक की मदद मिल रही थी. मार्गदर्शन केंद्र सरकार का और कॉलेज राज्य सरकार के. प्रदर्शनकारी शिक्षकों के मुताबिक केंद्र और राज्य अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. इस प्रोजेक्ट और इन शिक्षकों से पिछड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों को काफी लाभ हुआ ये बात कई सरकारी रिपोर्ट भी मानती हैं और केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय से जुड़े लोग भी. लेकिन ऐसे अभियान को खत्म क्यों कर देना चाहिए इसका जवाब नहीं मिलता. इस मामले को लेकर हमने केंद्रीय शिक्षा  मंत्री से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला.

Delhi Rape Case: 6 साल की बच्ची के साथ रेप के मामले में दिल्ली पुलिस ने महज 21 दिन में दायर की चार्जशीट

Traffic Rules Violation: ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले पुलिसकर्मी आ जाएं बाज, नहीं तो झेलनी होगी विभागीय कार्रवाई

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

RR vs DC: राजस्थान ने दिल्ली को धोया, पराग की तूफानी पारी के बाद आवेश खान ने आखिरी ओवर में किया कमाल
राजस्थान ने दिल्ली को धोया, पराग के बाद आवेश ने किया कमाल
Justin Trudeau: निज्जर की मौत पर ट्रूडो से भरी सभा में पूछ लिया सवाल, फिर कनाडा के PM ने भारत को लेकर दिया बयान
निज्जर की मौत पर ट्रूडो से भरी सभा में पूछ लिया सवाल, फिर कनाडा के PM ने भारत को लेकर दिया बयान
RR vs DC: ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले दिल्ली के पहले और IPL के सातवें खिलाड़ी बने
ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले दिल्ली के पहले और IPL के सातवें खिलाड़ी बने
CM केजरीवाल की ED कस्डटी के बीच दिल्ली सरकार का एक और आदेश, जानें
CM केजरीवाल की ED कस्डटी के बीच दिल्ली सरकार एक और आदेश, जानें
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Mandi Election 2024: क्या कंगना रनौत के खिलाफ कांग्रेस को नहीं मिल रहा कोई उम्मीदवार?Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मौत, आया था हार्ट अटैकबच्चों की परवरिश के लिए एक बार फिर साथ आए नवाजुद्दीन सिद्दीकी और आलिया सिद्दिकी | KFHPodcast Shri Krishna Chandra Shastri Ji से जानेंगे सनातन धर्म से जुड़ी रोचक बातें Dharma Live

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
RR vs DC: राजस्थान ने दिल्ली को धोया, पराग की तूफानी पारी के बाद आवेश खान ने आखिरी ओवर में किया कमाल
राजस्थान ने दिल्ली को धोया, पराग के बाद आवेश ने किया कमाल
Justin Trudeau: निज्जर की मौत पर ट्रूडो से भरी सभा में पूछ लिया सवाल, फिर कनाडा के PM ने भारत को लेकर दिया बयान
निज्जर की मौत पर ट्रूडो से भरी सभा में पूछ लिया सवाल, फिर कनाडा के PM ने भारत को लेकर दिया बयान
RR vs DC: ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले दिल्ली के पहले और IPL के सातवें खिलाड़ी बने
ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले दिल्ली के पहले और IPL के सातवें खिलाड़ी बने
CM केजरीवाल की ED कस्डटी के बीच दिल्ली सरकार का एक और आदेश, जानें
CM केजरीवाल की ED कस्डटी के बीच दिल्ली सरकार एक और आदेश, जानें
Seema Haider News: सीमा-सचिन की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, जल्द दर्ज होगी FIR? पुलिस ने भेजा नोटिस
सीमा-सचिन की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, जल्द दर्ज होगी FIR? पुलिस ने भेजा नोटिस
पैदा हुआ तो बाप ने गोद लेने से किया था इंकार, आज 170 करोड़ का मालिक है ये बच्चा, पहचाना?
पैदा हुआ तो बाप ने गोद लेने से किया था इंकार, आज 170 करोड़ का मालिक है ये बच्चा, पहचाना?
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव पर असदुद्दीन ओवैसी के दावे का एसटी हसन ने बताया 'सच', जानें- क्या कहा?
अखिलेश पर ओवैसी के दावे का एसटी हसन ने बताया 'सच', जानें- क्या कहा?
Bad Cholesterol: पतले लोग को भी रहता है बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा? जानें इसके शुरुआती लक्षण...
पतले लोग को भी रहता है बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा? जानें इसके शुरुआती लक्षण...
Embed widget