CPI(M) नेता सायरा शाह हलीम ने एक निजी टीवी चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि मैं राहुल गांधी को बहुत पसंद करती हूं. उन्होंने बिहार में जारी चुनाव के बीच में महा गठबंधन से संबंधित बयान भी दिया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को अब स्पष्ट चेहरा और दिशा चाहिए. उनके शब्दों में कि राहुल गांधी संघर्षशील नेता हैं और प्रियंका जनता से जुड़ने की क्षमता रखती हैं, लेकिन विपक्ष को अब एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश देना होगा. सायरा ने यह भी कहा कि जब सत्ताधारी दल के पास नरेंद्र मोदी जैसा चेहरा है तो INDIA गठबंधन को भी अपने प्रधानमंत्री उम्मीदवार को सामने लाना चाहिए ताकि मतदाताओं में भ्रम न रहें.  

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सायरा ने CPI(M) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी को याद करते हुए कहा कि वे निडर और जनपक्षीय नेता रहे हैं. उन्होंने कहा कि कॉमरेड येचुरी सत्ता से सवाल पूछने से कभी नहीं डरते थे. आज उनकी आवाज जैसी बेबाकी राजनीति में कम दिखती है.

INDIA गठबंधन और विपक्ष की चुनौतियांसायरा शाह हलीम ने स्वीकार किया कि INDIA गठबंधन अभी भी एकता और रणनीति के स्तर पर पूरी तरह समन्वित नहीं है. उन्होंने कहा कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस आमने-सामने हैं पर राष्ट्रीय स्तर पर साथ हैं. यह विरोधाभास जनता में भ्रम पैदा करता है. उनका मानना है कि विपक्ष को सिर्फ एकजुटता नहीं, बल्कि एक वैचारिक दृष्टि भी पेश करनी चाहिए, जो BJP की राजनीति का ठोस वैकल्पिक मॉडल बने.

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राहुल गांधी और लेफ्ट विचारधाराउनसे जब पूछा गया कि क्या राहुल गांधी वामपंथी विचारों की ओर झुक रहे हैं तो सायरा ने कहा कि मौजूदा दौर में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस और लेफ्ट का सहयोग ऐतिहासिक जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम विचारधारात्मक रूप से अलग हैं, लेकिन लोकतंत्र बचाने के लिए साथ चलना जरूरी है. राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा जैसे अभियानों का जिक्र करते हुए सायरा ने माना कि उनमें समानता, सामाजिक न्याय और समावेशिता की झलक मिलती है, जो पारंपरिक वामपंथी मूल्यों के करीब हैं.

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