नई दिल्ली: रमजान के आखिरी जुमा पर कुछ लोगों ने ईद से पहले नमाज अदा की. इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन किया. कोविड-19 लॉकडाउन के चौथे चरण में लोगों को कुछ ढील मिली हुई है. जिसका फायदा नमाजियों ने उठाया जरूर मगर बाजार में हालात इसके टीक उलट हैं.


कोरोना वायरस का खौफ बाजारों में मौजूद


शाही जामा मस्जिद के इमाम ने कहा, "लोगों की बड़ी तादाद आज जुमातुल विदा पर नमाज अदा करना चाहती थी. मगर मैंने उन्हें बताया कि ऐसा अपने घरों पर करें." गौरतलब है कि इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते ईद की खुशियों पर रोक लगी हुई है. आम तौर पर भीड़भाड़ रहनेवाले बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. कारोबार पर कोरोना की मार दरियागंज इलाके में भी साफ देखी जा सकती है. सब्जी और फल बिक्रेताओं के लिए ईद का कोई उमंग नहीं है. लोगों के अपने-अपने घरों में कैद रहने की वजह से उनके सामान की बिक्री नहीं हो रही है.


ईद की खरीदारी करने नहीं निकल रहे लोग 


बाजार और दुकानों को खोलने की छूट के बावजूद कोविड-19 का खौफ मौजूद है. अन्य सालों की तुलना में इस साल ईद की चमक बाजारों से गायब है. लोग बाहर निकल कर खरीदारी करने से डर रहे हैं. 35 सालों से दरियागंज बाजार का हिस्सा रहे सलीम कहते है, "मैंने ऐसी ईद पहले कभी नहीं देखी. लोगों के दिमाग में डर समाया हुआ है." एक अन्य फल बिक्रेता हसीन मलिक कहते हैं, "रमजान के महीने में लोग तरबूज और खरबूज की खरीदारी कर स्वाद चख रहे हैं जरूर मगर ईद के लिए बाजार में डिमांड नहीं है. लॉकडाउन के कारण बिक्री अपने निम्न स्तर पर पहुंच गई है. फिलहाल ईद को देखते हुए पुलिस ने सोशल डिस्टेसिंग के लिए उचित व्यवस्था की है. इसके अलावा उसने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध भी किए है.


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