नई दिल्ली: 15 अप्रैल से सरकार ने किसानों से गेहूं और अन्य सभी रबी फसलों की ख़रीद का काम शुरू किया है. इस दौरान लॉकडाउन के नियमों के पालन की शर्त रखी गई है. कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच देशभर में रबी फसलों की खरीद की प्रक्रिया जारी है. 15 अप्रैल से शुरू हुए इस काम में अब तेजी आने लगी है.

88.61 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ 26 अप्रैल यानि पहले 11 दिनों में रबी फ़सलों में सबसे प्रमुख गेहूं की ख़रीद 88.61 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है. इसमें सबसे ज़्यादा ख़रीद पंजाब से हुई है. पंजाब से अबतक 48.27 लाख मीट्रिक टन गेंहू की ख़रीद हो चुकी है जबकि हरियाणा 19.07 लाख मीट्रिक टन की ख़रीद के साथ दूसरे नंबर पर है.

तीन महीने तक होगी खरीद

15 अप्रैल से शुरू हुई ख़रीद की मियाद तीन महीने यानि 15 जुलाई तक तय की गई है. किसान 15 जुलाई तक अपनी फ़सल बेच सकते हैं. हालांकि, सरकार ने 400 लाख मीट्रिक टन गेहूं और रबी में पैदा होने वाला 100 लाख मीट्रिक टन चावल ख़रीदने का लक्ष्य रखा है. गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर फसलों की ख़रीद के दौरान मंडियों में लॉकडाउन की शर्तों को कड़ाई से पालन करने को कहा था. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने के साथ साथ मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई है. हालांकि इसी वजह से कुछ जगहों से ख़रीद प्रक्रिया बेहद धीमी होने की शिकायतें आई हैं.

राज्यों को अनाज भेजने का काम जारी

लॉकडाउन के दौरान भारतीय खाद्य निगम द्वारा सभी राज्यों को अनाज भेजने का काम भी लगातार जारी है. खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत आने वाले लाभर्थियों को सस्ते अनाज के अलावा तीन महीने तक मुफ्त चावल , गेहूं और दाल देने का ऐलान किया गया है. सोमवार तक सरकार ने 2087 मालगाड़ी के डिब्बों से 58.44 लाख मीट्रिक टन अनाज राज्यों तक पहुंचाया है. इनमें से क़रीब 53 लाख मीट्रिक टन अनाज को अनलोड भी किया जा चुका है. हालांकि, सरकार ये भी मानती है कि कई अनलोडिंग सेंटरों के हॉटस्पॉट घोषित होने के चलते इस काम में दिक्कत भी आ रही है.

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