Covid-19: केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में कोविड-19 की पॉजिटिविटी रेट में वृद्धि को लेकर चिंता जताई है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार (11 मार्च) को राज्यों को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया कि कुछ राज्यों में कोरोना परीक्षण के दौरान पॉजिटिविटी रेट में वृद्धि चिंता का विषय है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्कता है.


राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लिखा कि इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर सांस के संक्रमण के रोगों से निपटने के लिए परिचालन दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही अस्पतालों में दवाओं, मेडिकल ऑक्सीजन और कोविड-19 व इन्फ्लुएंजा के खिलाफ टीकाकरण की तैयारियों का जायजा लेने का भी अनुरोध किया है.


कोविड नियमों का पालन करने की सलाह
पत्र में कहा गया है, जबकि पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से कमी आई है, कुछ राज्यों में कोविड-19 टेस्ट के दौरान सकारात्मकता दर में वृद्धि चिंता का विषय है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है.


स्वास्थ्य सचिव ने कहा नए मामलों की कम संख्या, अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कमी और कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, सतर्क रहने, टीकाकरण और कोविड नियमों का पालन करने की आवश्यकता है.


'वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा'
पत्र में कहा गया है कि कोविड के साथ ही इन्फ्लुएंजा के मामलों में वृद्धि भी देखी गई है. विभिन्न प्रयोगशालाओं में सैंपल की जांच के दौरान इन्फ्लुएंजा ए (H3N2) का मिलना प्रमुख रूप से चिंता का विषय है. यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि छोटे बच्चे, बूढ़े लोग और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग विशेष रूप से H1N1, H3N2 के गंभीर जोखिम में रहते हैं.


इनमें से अधिकांश वेरिएंट आम तौर पर बुखार और खांसी के साथ सांस की समस्या को बढ़ाने वाली हल्की बीमारी की वजह बनते हैं. वहीं कुछ मामलों में, विशेष रूप से बुजुर्ग, मोटापे से ग्रस्त और दूसरी बीमारियों से ग्रसित और गर्भवती महिलाएं इनसे अधिक गंभीर पीड़ित हो सकते हैं.


यह भी पढ़ें


H3N2 वायरस से क्या कोरोना की तरह होने वाला है हाल? एक्सपर्ट ने बताया- ये कितना जानलेवा