नई दिल्ली: देश में बीते 20 से ज़्यादा दिनों से जारी लॉकडाउन के बीच सोमवार से राहत की एक दरवाज़ा खुलने जा रहा है. सरकार ने देश के तीन सौ से ज़्यादा जिलों में ज़रूरी शर्तों और अहतियात के साथ कई कामकाज की छूट देने का फैसला लिया है. इसमें कृषि क्षेत्र के उपक्रमों और औद्योगिक गतिविधियों के अलावा सामान की आवाजाही और मैकेनिक, प्लंबर, बढई जैसे स्वरोजगार के कामों में लगे लो भी कंटेनमेंट जोन से बाहर अपनी सविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे. हालांकि कन्टेनमेंट जोन के लिए पाबंदियां न केवल बरकरार रहेंगी बल्कि सख्त भी होंगी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने मंत्रालय का आला अधिकारियों के साथ बैठक कर जोर दिया कि कोरोना वायरस के साथ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है. ऐसे क्षेत्र जो हॉटस्पॉट या कंटेन्मेंट ज़ोन में नहीं आते हैं, वहां भी सावधानी बरतना जरूरी है. राज्यों को छूट के दौरान ग्रामीण व शहरी इलाकों में कोरोना से बचाव और सामान्य कामकाज की रियायतों को लागू करने की हिदायतें दी गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 अप्रैल को देश के नाम दिए संदेश में किए एलान अनुसार ही यह फैसला लिया गया.

खेतों और उद्योगों को सुरक्षा नियमों के साथ रियायत

गृह मंत्रालय ने विस्तार से जारी में फेहरिस्त उन क्षेत्रों को चिह्नित किया हैं जिन्हें 20 अप्रैल से छूट का लाभ मिलेगा. इसमें खेती बाड़ी सहित सभी कृषि और बागबानी गतिविधियां कृषि उत्‍पाद की खरीद में लगी एजेंसियां, कृषि उपज समिति के कार्य और कृषि मशीनरी की दुकानों को इस दौरान पूरी तरह से काम करने की अनुमति होगी. दो चालकों और एक हेल्‍पर के साथ सभी ट्रकों और अन्‍य मालवाहक वाहनों के आवागमन की भी अनुमति होगी.

इसके अलावा सभी वित्‍तीय संस्‍थाएं और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सेवाएं पूरी तरह काम करेंगी. बिजली, मैकेनिक, पलंबर, मोटर मैकेनिक और बढई जैसे स्‍वरोजगार में लगे लोगों की सेवाओं को भी छूट दी गई है. ऐसे लोग कंटेनमेंट जोन से बाहर के सभी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं उपलब्‍ध करा सकेंगे.

ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्य के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्‍क पहनने के नियम का सख्‍ती से पालन करने के साथ कामकाज की अनुमति दी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में और नगर निगम की सीमाओं से बाहर उद्योगों को भी अनुमति दी गई है. केन्‍द्र सरकार और उसके स्‍वायत्‍त व सहयोगी निकायों के सभी दफ्तर भी खुले रहेंगे.

ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तु आपूर्ति की इजाजत

हालांकि, गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कम्‍पनियों को गैर-अनावश्यक वस्‍तुओं की आपूर्ति की इजाजत नहीं दी है. इस संबंध में केन्‍द्रीय गृह सचिव अजय भल्‍ला ने आदेश जारी कर कहा है कि लॉकडाउन के बारे में समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों में ई-कॉमर्स कम्‍पनियों को गैर-आवश्यक वस्‍तुओं की बिक्री शामिल नहीं की गयी है. यानी ई-कॉमर्स कंपनियां उन्हीं उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी जिन्हें सरकार ने आवश्यक वस्तुएं मानते हुए आपूर्ती की इजाजत दी है.

दिल्ली में फैल रहा कोरोना, राहत के लिए करना होगा इंतजार

इस बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को फिलहाल लॉकडाउन से अभी कोई रियायत नहीं मिलेगी. राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार एक सप्ताह के बाद स्थिति की समीक्षा करेगी. केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली में वायरस फैल रहा है और इसलिए कन्टेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं. केजरीवाल के मुताबिक राजधानी में वायरस फैलने का एक कारण तब्लीगी जमात मरकज की घटना भी रही.

हॉटस्पॉट को ग्रीन जोन बनने पर ही मिलेगी पूरी राहत

स्वास्थ्य मंत्रालय प्रवक्ता लव अग्रवाल के मुताबिक हॉटस्पॉट जिलों में रोकथाम के लिए चिह्नित इलाकों में छूट की कोई सुविधाएं लागू नहीं होंगी. साथ ही राज्य सरकारों को यह भी अधिकार दिया गया है कि वो चाहें तो केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देशों से भी सख्त कदम अपने यहां लागू कर सकते हैं. महत्वपूर्ण है कि हॉटस्पॉट उन इलाकों को परिभाषित किया गया है जहां या तो कोविड19 मरीजों की संख्या अधिक है या फिर जहां कोरोना का मामले 4 दिन से कम वक्त में दो गुना हो जा रहे हैं. कौन का इलाका हॉटस्पॉट या कंटेन्मेंट ज़ोन होगा इसका दायरा स्थानीय प्रशासन तय करता है और इन इलाकों में आवश्यक सुविधाओं के अलावा किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी.

भारत के लिए राहत की बात यह है कि 23 राज्यों के 56 जिलों में बीते 14 दिनों के दौरान कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है.इस सूचि में हाल ही में शामिल होने वाले जिसे हैं गया, सारण, बरेली उत्तरप्रदेश, फतेहगढ़ साहेब और रूपनगर, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, कचार, लखीमपुर आदि.

हालांकि, सीमित रियायतों को बावजूद जो सुविधाएं 3 मई तक प्रतिबंधित रहेंगी उनमें शामिल हैं विमान, रेल और सड़क से सामान्य यात्री आवाजाही. शिक्षण सुविधाएं, होटल, मनोरंजन सुविधाएं, शॉपिंग मॉल, खेल आयोजन. बड़े धार्मिक आयोजन न करने की भी अपील की गई है. साथ ही सायकल रिक्शॉ, टैक्सी सर्विस को भी पाबंदियों में रखा गया है. सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि राज्यों में कोविड के मामले बढ़ने और संक्रमण का विस्तार होने पर रियायत की सुविधाएं वापस ली जा सकती हैं.

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