नेशनल हेराल्ड मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को 29 नवंबर, 2025 तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो के स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं. अदालत अब इस पर अपना आदेश 29 नवंबर, 2025 को सुनाएगी.

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ED ने सोनिया-राहुल समेत अन्य को बनाया आरोपी

राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर आदेश टाल दिया था, क्योंकि उसे केस फाइलों की दोबारा जांच जरूरी लगी थी. ED ने इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के साथ-साथ सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और कंपनी यंग इंडियन को आरोपी बनाया है.

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ईडी ने इस मामले में आरोप लगाया है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की लगभग 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी. जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया.

राउज एवेन्यू कोर्ट में 29 नवंबर को दिन बेहद अहम

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को नामजद किया है. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर कांग्रेस का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है, जबकि ईडी का दावा है कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है जिसमें फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. अब सभी की नजरें 29 नवंबर पर टिकी हैं, जब कोर्ट इस पर अपना आदेश सुनाएगी.

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