नई दिल्ली:  रेलवे ने अपनी यात्री गाड़ियों के 20 हज़ार कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का बड़ा लक्ष्य तय किया है. इससे कुल 3.2 लाख आइसोलेशन बेड तैयार किए जाएंगे. रेलवे इस काम को चरणबद्ध तरीक़े से पूरा करेगा. इसके लिए पहले चरण में 80,000 बेड तैयार करने का लक्ष्य रेलवे ने तय किया है.

रेलवे ने अगले दो हफ़्ते में आइसोलेशन वार्ड के 80,000 बेड तैयार करने का लक्ष्य रखा है. रेलवे के सभी ज़ोन को आइसोलेशन वार्ड बनाने का काम दिया गया है. उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि अगले तीन से चार दिनों में उत्तर रेलवे 370 कोच को तैयार कर लेगा जिनमें कुल 3,700 बेड होंगे.

कोरोना से लड़ाई में जुटे हैं रेलवे के सभी 19 ज़ोन

कोरोना से ज़ंग में रेलवे लगातार अपना सहयोग कर रहा है. देश भर में रेलवे के सभी ज़ोनडिवीजन और कारखाने कोरोना से लड़ी जाने वाली ज़ंग में जुटे हुए हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तीव्र गति से मालगाड़ियों को चला रहा है. इसके अलावा रेलवे ने सैनेटाइज़रफेस मास्क और कवर रोल का निर्माण का निर्माण कर रहा है. उत्तर रेलवे ने मालगाड़ियों के परिचालन के अलावा अब तक 2000 लीटर हैंड सैनेटाइज़र, 4000 फेस मास्क, 200 कवर रोल बना लिया है. इसके अलावा 105 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जा चुका है.   

ताकि देश का गरीब रहे भूखा   

रेलवे अपने कर्मचारियों और रेलवे पुलिस फ़ोर्स के माध्यम से पूरे देश में पिछले सात दिनों से रोज़ ग़रीबों को मुफ़्त खाना बाँट रहा है. इस दौरान रेलवे ने कुल कितने लोगों को खाना खिलाया इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ़ दिल्ली में ही रेलवे ने अपने स्टेशनों के पास पिछले सात दिनों में 24,000 से अधिक भोजन वितरित किए हैं. एक अंदाज के मुताबिक़ देश भर में क़रीब पांच हज़ार स्टेशनों के बाहर रेलवे रोज़ कुल मिलाकर क़रीब बीस लाख लोगों को भोजन वितरित कर रहा है

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