मुंबई: सर्दी में कोरोना वायरस करीब 7 से 23 गुना ताकतवर हो सकता है. आईआईटी बॉम्बे का दावा है कि मास्क न लगाने से कोरोना का कहर बढ़ सकता है. सर्दी में मास्क न लगाने से तेजी से कोविड क्लाउड फॉर्म होने पर बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो सकते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में मास्क पहनने को लेकर जोर डाला था.


आईआईटी बॉम्बे के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अमित अग्रवाल और रजनीश भारद्वाज के 6 महीने के लंबे रिसर्च आने वाले सर्दियों के लिए घंटी बजाने वाले हैं. दोनों प्रोफेसर्स की खोज में पता चला है कि सर्दी के तीन महीने काफी गंभीर हो सकते हैं क्योंकि नवंबर, दिसंबर और जनवरी में कोरोना तेजी से पैर पसार सकता है. कोरोना का कहर 7 से 23 गुना ज्यादा बढ़ सकता है.


अमित अग्रवाल का कहना है सर्दी में कोरोना का कहर गहराने के कई कारण हैं. हमने अपने खोज में पाया कि सर्दी में कोरोना कोविड क्लाउड फॉर्म करेगा और यह क्लाउड लोगों के मुंह से निकलने वाले पदार्थ से पैदा होगा. सर्दी में कोरोना की चेन को तोड़ना है तो मास्क लगाना बेहद ज़रूरी होगा.


अमित अग्रवाल एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उदाहरण देते हैं कि कमरे में हम चार लोग हैं. इनमें से अगर कोई एक बिना मास्क का है और वह छींकता या खांसता है तो कमरे में कोविड क्लाउड बनेगा जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए कमरे में बना रहेगा. इससे अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं.


वहीं प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज सर्दी में कोरोना का कहर गहराने का तीन प्रमुख कारण मानते है. पहला सर्दी में वायरल का खतरा बढ़ जाता है. खासी और सर्दी सबसे पहले क्रमांक पर हैं. दूसरा सर्दी में हवा काफी दूषित होती है और तीसरा तीन महीनों में कई त्यौहार भी हैं जहां लोग एक दूसरे से ज़रूर मिलेंगे, ऐसे में मास्क लगाना बहुत जरूरी है.


प्रोफेसर अमित और रजनीश का कहना है कि कोरोना जितनी तेजी से बंद कमरे में फैलेगा उतनी ही तेजी से सार्वजनिक जगहों पर भी फैलेगा, जैसे कि बस, मेट्रो और अन्य जगहों पर. ऐसे में आने वाले तीन महीने बेहद गंभीर हैं. सावधानी ही एक मात्र उपाय है.


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