नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के 21 दिन के आह्वान पर भारतीय वायुसेना ने अपने अंदाज में देशवासियों से लॉकडाउन को सफल बनाने की अपील की है. वायुसेना ने उदाहरण देते हुए कहा है कि जिस तरह मिग-21 फाइटर जेट के जरिए वायुसेना ने अपनी लड़ाकू क्षमता पूरी दुनिया को दिखाई है उसी तरह अब देशवासियों को अपने इन 21 दिनों के जरिए दिखानी है.
भारतीय वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देशवासियों से सोशल-डिस्टेंशिंग अपनाने पर जोर दिया है और कहा कि 21 दिन में कोरोना वायरस की चेन को तोड़ना है. लेकिन इस ट्वीट के साथ वायुसेना ने मिग-21 लड़ाकू विमान का फोटो भी शेयर किया है.
मिग-21 फाइटर जेट के इस फोटो पर लिखा है, ''हमने 21 के जरिए अपनी लड़ाकू क्षमता को साबित किया अब 21 (दिनों) के जरिए आपको (यानि देशवासियों को) साबित करना है."
आपको बता दें कि पिछले साल बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान की वायुसेनाओं के बीच जो डॉगफाइट हुई थी उसमें भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन मिग-21 फाटइर जेट पर उड़ान भर रहे थे. रूसी फाइटर जेट, मिग-21 काफी पुराने पड़ चुके हैं और लगातार होती दुर्घटनाओं के लिए इन्हें 'फ्लाईंग-कोफिन' का दर्जा मिल चुका है.
पश्चिमी देश इन मिग फाइटर जेट्स को 'रस्ट-बकैट' यानि जंग लगी बाल्टी के नाम से खिल्ली उड़ाते हैं. लेकिन डॉगफाइटर के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने इसी मिग-21 से पाकिस्तानी वायुसेना के आधुनिक अमेरिकी फाइटर जेट एफ-16 ('फाल्कन') को मार गिराया था.
हालांकि, इस दौरान गलती से विंग कमांडर अभिनंदन एलओसी पार कर पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए और उनका विमान क्षतिग्रस्त हो गया था. तभी से इन मिग-21 जेट्स को 'फाल्कन-सेल्यर्स' का दर्जा मिल गया और पूरी दुनिया में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं की धाक जम गई.
यही वजह है कि भारतीय वायुसेना ने 21 दिन के लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए अपने मिग-21 फाइटर जेट का उदाहरण दिया. इस बीच खबर आई है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र सेनाओं को कोरोना वायरस से लड़ने को और अधिक कारगर तरीके से लड़ने पर जोर दिया. रक्षा मंत्री ने सेनाओं (थलसेनआ, वायुसेना और नौसेना) को सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को हर संभव मदद देने पर जोर दिया.
इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीस) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह सहित रक्षा सचिव अजय कुमार और डीआरडीओ प्रमुख डां जी सथीश रेड्डी मौजूद थे.
रक्षा मंत्री की इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद थलसेना अपने हेल्थ-वर्कर्स (डॉक्टर और पैरा-मेडिकल स्टाफ) को उन इलाकों से निकालने के लिए तैयार हो गई है जहां कोरोना वायरस का कम प्रभाव है. ये हैल्थ स्टाफ उन इलाकों में शिफ्ट कर दिया जाएगा जहां कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा है. इसके अलावा अपने सैनिकों के लिए सेना अब हर छावनी में कोरांटीन (क्वारंटीन) और आईसोलेशन सेंटर बनाने जा रही है.
1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज: पढ़ें- वित्त मंत्री के एलान की सभी बड़ी बातें एक साथ, एक क्लिक में