नई दिल्ली: चीन से शुरू हुये कोरोना वायरस का असर अब भारत के दवा उद्योग में दिखना शुरू हो गया है. सरकार ने 26 तरह की दवा सामग्री और पैरासिटामोल, विटामिन बी1 और बी12 सहित कुछ दवाओं के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. सरकार के इस कदम के बाद अब कुछ सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) और फॉर्मुलेशंस के एक्सपोर्ट के लिये वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी.


अब तक इन दवा सामग्रियों के एक्सपोर्ट पर किसी तरह का कोई बैन नहीं था. डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘‘एपीआई से तैयार कुछ खास तरह के एपीआई और फार्मुलेशंस का निर्यात ... एतत् द्वारा तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है. यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगी.’’ एपीआई विभिन्न प्रकार की दवाओं के निर्माण में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.


सरकार की ओर से की गई यह घोषणा कोरोना वायरस के दुनिया के कई देशों में फैलने के बाद उपजी चिंता को देखते हुय काफी अहम है. भारत हालांकि, एपीआई का भारी मात्रा में चीन से इंपोर्ट करता है लेकिन सीमित मात्रा में यह इसका एक्सपोर्ट भी करता है. पिछले साल देश से 22.50 करोड़ डालर का एपीआई का निर्यात किया गया. वहीं देश में एपीआई का सालाना इंपोर्ट 3.5 अरब डॉलर का होता है. इसमें से करीब ढाई अरब डॉलर का इंपोर्ट चीन से किया जाता है.


देश में सोमवार को कोरोना वायरस के दो नये मामले सामने आये हैं. एक मामला राष्ट्रीय राजधानी में सामने आया है. कोरोना वायरस फैलने से अब तक दुनियाभर में 3000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले फरवरी में औषधि विभाग ने डीजीएफटी से 12 एपीआई और फार्मुलेंशंस के निर्यात को प्रतिबंधित करने कहा था. इनमें साधारण एंटीबायोटिक्स और विटामिन शामिल हैं.


स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की ट्रैवेल एडवाइजरी


भारत में कोरोना वायरस के दो ताजा मामले सामने आने के एक दिन बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक ट्रैवेल एडवाइजरी जारी की. इसके मुताबिक 3 मार्च को या उससे पहले इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान के उन नागरिकों को जारी नियमित वीजा या ई-वीजा को सस्पेंड कर दिया जिन्होंने अभी तक भारत में एंट्री नहीं किया है.