मुंबई: कोरोना के चलते पूरा देश बंद है और इस बंदी का असर हर तरीके के नौकरी पैसे व्यवसाय पर पड़ रहा है. महाराष्ट्र क्योंकि एक समुद्री सीमा वाला राज्य है, यहां मछली पालन का व्यवसाय भी होता है, जो खुद में एक बड़ी इंडस्ट्री है. अब कई दिनों से सब कुछ बंद है, तो इस पेशे से जुड़े हुए लोगों की हालत खस्ता है.
ऐसी स्थिति में मछुआरों की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग की है. महाराष्ट्र के मत्स्य व्यवसाय मंत्री असलम शेख ने बताया है कि महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार के संग इस मामले में पत्र व्यवहार कर रही है और राज्य के मछुआरों की समस्याओं से अवगत करा रही है.
जब से लॉकडाउन हुआ है तब से मछुआरे समुद्र में नहीं जा रहे हैं, जिसका भारी आर्थिक खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है. इसी को लेकर राज्य सरकार ने मुहिम शुरू की है. राज्य के मत्स्य विभाग ने सभी जिलों के सहायक मत्स्य आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है. राज्य सरकार ने साफ किया है कि वह मत्स्य उत्पादकों का ध्यान रखना चाहती है, इसीलिए मछली पकड़ने वालों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार से पैकेज की मांग कर रही है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने पहले से ही केंद्र सरकार से महाराष्ट्र के लिए 25000 करोड़ के पैकेज की मांग रखी है. अजित पवार ने साफ किया है कि देश भर में लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र पर काफी बुरा आर्थिक असर पड़ा है, जिसका सामना उसे करना पड़ा है और राज्य में एक बड़ी रकम के राहत पैकेज की जरूरत है. अजित पवार ने केंद्र सरकार से 25000 करोड़ रुपये की मांग कर दी है.