नई दिल्ली: भारत में कोरोना के मामलों में दोगुना इजाफा होने की दर 4.1 दिन हो गयी है, लेकिन अगर दिल्ली में तब्लीगी जमात के धार्मिक आयोजन के बाद हाल ही में संक्रमण फैलने की घटना न होती तो यह दर 7.4 दिन होती. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुये बताया कि तब्लीगी जमात की घटना के कारण संक्रमण फैलने की दर में इजाफा होने से संक्रमित मरीजों की संख्या कम समय में ही दोगुना हो गयी. उन्होंने कहा कि अगर यह घटना नहीं हुयी होती तो संक्रमण के मामले दोगुना होने में औसत समय 7.4 दिन का लगता, जबकि इस घटना के कारण मरीजों की संख्या दोगुना होने में 4.1 दिन का ही औसत समय लगा.

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आज बढ़कर 3500 के पार हो गए हैं और मृतकों की संख्या 83 तक पहुंच गई. इसमें से करीब 30 फीसदी केस तब्लीगी जमात की वजह से बताए जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 3,219 लोग अब भी कोविड-19 से संक्रमित हैं, जबकि 274 लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 472 नए केस 24 घण्टे में आए हैं. संक्रमण का दायरा देश के 272 जिलों तक पहुंच गया है. अगर तब्लीगी की घटना नहीं हुई होती तो केस 7.1 दिनों में दोगुना होता, जबकि अभी 4.1 दिनों में दोगुना हो रहा है. उन्होंने कहा, ''आज कैबिनेट सचिव ने देश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक की. सभी ज़िलाधिकारियों से अपने अपने जिलों में आपात प्रबंधन योजना बनाने को कहा है. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि थूकने से भी बीमारी फ़ैल सकती है. लिहाजा लोगों से बाहर थूकने से बचने के लिए अपील की है.''

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है. 27,661 राहत शिविर और आश्रय पूरे भारत में सभी राज्यों में स्थापित किए गए हैं- 23,924 सरकार द्वारा और 3,737 गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित किए गए हैं. 12.5 लाख लोगों को इससे आश्रय मिला है. 19,460 खाद्य शिविर भी लगाए गए हैं.

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