नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के तेज़ी से बढ़ते हुए मामलों और मौत के आंकड़ों के साथ संक्रमण दर यानि पॉजिटिविटी रेट भी चिंता का विषय बनी हुई है. नवंबर के महीने में अब तक पॉजिटिविटी रेट लगातार 10 फीसदी से ऊपर बना हुआ है, और 2 बार पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी के पार भी जा चुका है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट कम हो रहा है. दिल्ली में 7 नवम्बर को सबसे ज़्यादा पॉजिटिविटी थी जो कि 15 फीसदी के करीब थी जो कि धीरे-धीरे कम हो रही है. सत्येंद्र जैन का कहना है कि इसको 1 दिन के अंदर नहीं देखा जा सकता साप्ताहिक पर देखते हैं, अगर साप्ताहिक बेसिस पर बात करें तो 3 से 4 फीसदी का फर्क आया है.
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग से मिले आकंडों के मुताबिक 1 नवम्बर से लेकर 8 नवंबर तक के पॉजिटिविटी रेट के आंकड़ो पर नज़र डालें तो 8 नवम्बर को जारी आकंडों के मुताबिक संक्रमण दर 15.26 फीसदी पर पहुंच गई थी.
1 नवंबर- 12.69%
2 नवंबर - 10.91%
3 नवंबर - 11.29%
4 नवंबर - 11.61%
5 नवंबर - 12.84%
6 नवंबर - 12.19%
7 नवंबर - 12.11%
8 नवंबर - 15. 26%
अगर दिवाली के त्योहार के सप्ताह में पॉजिटिविटी दर को देखें तो 13 से 15 नवंबर के बीच संक्रमण दर में उछाल देखने को मिला. 13 नवम्बर को संक्रमण दर 13.80 फीसदी थी, जो 14 नवम्बर को बढ़कर 14.78 फीसदी हो गई और 15 नवंबर को सबसे ज़्यादा पॉजिटिविटी दर 15.33 फीसदी रिकॉर्ड की गई. त्योहार के समय मे बाज़ारो में बढ़ रही भीड़ भी इसके पीछे एक अहम कारण माना जा रहा है.
9 नवंबर - 12.84%
10 नवंबर - 13. 26%
11 नवंबर - 13.40%
12 नवंबर - 11.71%
13 नवंबर - 13.80%
14 नवंबर - 14.78%
15 नवंबर - 15.33%
16 नवंबर - 12.73%
बीते 6 दिनों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो संक्रमण दर में गिरावट देखने को मिली है. 17 नवम्बर को संक्रमण दर 13.04 फीसदी था जो 20 नवंबर को 10.59 फीसदी पर पहुंच गई थी, वहीं 21 नवम्बर को संक्रमण दर 12.90 फीसदी और 22 नवम्बर को 12.29 फीसदी रिकॉर्ड की गई.
17 नवंबर - 13.04%
18 नवंबर - 12.03%
19 नवंबर - 12.09%
20 नवंबर - 10.59%
21 नवंबर - 12.90%
22 नवंबर - 12.29%
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों, संक्रमण दर और कोरोना से बढ़ी मौतों के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को ज़िम्मेदार ठहराया है. एक बयान में सत्येंद्र जैन ने कहा कि पराली के जलने से जो प्रदूषण हुआ था उसकी वजह से केस खराब हुए, जो कोविड पीड़ित थे उनके केस काफी खराब हुए उसकी वजह से डेथ रेट में भी इजाफा हुआ. सत्येंद्र जैन के मुताबिक पिछले तीन-चार दिन से प्रदूषण काफी कम है इसका प्रभाव देखने को मिलेगा और मौत कम होंगी. विशेषज्ञों ने भी कहा था कि प्रदूषण का प्रभाव कोरोना पर देखने को मिलेगा. उस समय प्रदूषण बहुत ज़्यादा था और उसका फर्क पड़ा था.
घटते-बढ़ते संक्रमण दर के बीच दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स की कमी एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. फ़िलहाल केजरीवाल सरकार के सामने कोरोना की संक्रमण दर को कंट्रोल करने के अलावा गंभीर मरीज़ों के इलाज़ के लिए व्यवस्था करना बड़ी चुनौती है.
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