नई दिल्लीः देश में एक बार फिर कोरोना का लहर तेजी से फैल रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसे रोकने के लिए कहीं कर्फ्यू लगाया जा रहा है तो कहीं लोगों को जागरुक कर मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिग का पालने करने के लिए कहा जा रहा है. राज्य और केंद्र सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महामारी पर काबू पाया जाए. ऐसे में त्योहारों को देखते हुए कई राज्यों की सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है.

होली को देखते हुए राज्य सरकारों ने सार्वजनिक होली मिलन कार्यक्रम पर रोक लगा दिया है. महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होली मिलन कार्यक्रम को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. राज्यों ने गाइडलाइन जारी कर कहा है कि होली मिलन कार्यक्रम न करें. कोरोना को देखते हुए बिहार में होली मिलन कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है.

कोरोना को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने भी सख्ती बढ़ा दी है. बृहद बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) क्षेत्र के आदेश में कहा गया है कि 200 से ज्यादा लोगों को बंद स्थानों में शादियों में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी, जबकि खुले स्थानों में 500 लोग शामिल हो सकते हैं. वहीं जन्मदिन की पार्टियों और अन्य समारोह में अधिकतम 100 लोग खुले स्थानों में शामिल ले सकते हैं, जबकि बंद स्थानों पर 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है.

बढ़ते कोरोना ने देश भर के व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है. जनवरी-फरवरी में कोरोना में कमी को देखते हुए व्यापारियों ने कई तरह के रंग, गुलाल और ड्राई फ़्रूट्स खरीद लिए थे. व्यापारियों को उम्मीद थी कि इस बार अच्छी बिक्री होगी लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण एक बार फिर इनकी चिंता बढ़ गई है.

बीते वर्षों में होली त्योहार पर हुई बिक्री के आधार पर कैट की तरफ से एक अनुमान के तौर पर आंकड़ा दिया गया है. इस आंकड़ों के मुताबिक प्रति वर्ष होली के मौके पर दिल्ली में 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यापार होता है.

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