Corona Delta Variant: देश इस वक्त जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जंग लड़ रहा है. हालांकि अब नए मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. लेकिन मौतें अभी भी बड़ी संख्या में हो रही है. एक स्टडी से खुलासा हुआ है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है. ये जानकारी INSACOG और NCDC की स्टडी से सामने आई है. क्या है डेल्टा वैरिएंट जानिए.


क्या है डेल्टा, किसने दिया नाम?


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले भारत में पाए गए कोरोना वायरस के स्वरूपों बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को क्रमश: 'कप्पा' और 'डेल्टा' नाम दिया है. डेल्टा वैरिएंट ‘अल्फा’ वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है. डेल्टा (बी.1.617.2) अल्फा (बी.1.1.7) वेरिएंट की तुलना में 50 फीसदी तेजी से फैलता है. भारत में कोरोना का डेल्टा सबसे प्रमुख वैरिएंट है. पिछले साल अक्टूबर में भारत में पाए जाने वाले स्ट्रेन (B.1.617.1) को 'कप्पा' नाम दिया गया था.


नाम रखने के पीछे क्या वजह है?


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के स्वरूपों के आसानी से पहचाने जाने के लिए उनका नया नामकरण किया है. इनके वैज्ञानिक नामों में कोई बदलाव नहीं होगा. डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट्स को सामान्य बातचीत के दौरान आसानी से समझने के लिए अल्फा, गामा, बीटा गामा जैसे यूनानी शब्दों का उपयोग करने की सिफारिश की है, ताकि आम लोगों को भी इनके बारे में होने वाली चर्चा को समझने में दिक्कत न हो.


डेल्टा वैरिएंट चिंता का सबब- WHO


डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत में पाया गया डेल्टा वैरिएंट ही अब ‘चिंता का सबब’ है और बाकी के दो स्वरूप में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है. डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘यह साबित हो गया है कि लोगों की जान को सबसे अधिक खतरा बी.1.617.2 से है जबकि बाकी के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है.’’


देश में डेल्टा वेरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले


रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं. देश के लगभग सभी राज्यों में ये वेरिएंट देखा गया है. खास तौर से इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है.


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