Santosh Patil Suicide Case: कांट्रैक्टर संतोष पाटिल सुसाइड में आरोपी कर्नाटक सरकार के मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ इस्तीफे को लेकर लगातार सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है. राज्य के राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा पर आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले संतोष पाटिल के मामले में कांग्रेस की तरफ से बर्खास्त की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके विरोध में गुरुवार की दोपहर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास तक मार्च के दौरान कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्दारमैया समेत कई अन्य नेताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में रोककर उन्हें हिरासत में ले लिया.

इधर, कांट्रैक्टर संतोष पाटिल का पार्थिक शव कर्नाक के बेलगावी में उनके घर पर लाया गया. इससे पहले, संतोष के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत पर राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने आरोप में आईपीसी की धारा 306 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इधर, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मामले में जांच का भरोसा देते हुए कहा कि सच्चाई सामने आएगी.

कर्नाटक सीएम ने कहा कि ठेकेदार संतोष पाटिल खुदकुशी का सच सामने आएगा. मामले की पूरी जांच की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि केएस ईश्वरप्पा ने इस्तीफे बारे में क्या कहा ये पता नहीं है, उनसे फोन पर बात करने के बाद ही साफ हो पाएगा. फिलहाल मामले की सारी जानकारी ले रहा हूं.

क्या है मंत्री ईश्वरप्पा पर आरोप?

केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल ने मंगलवार को उडुपी में आत्महत्या कर ली थी. पाटिल हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव थे. उन्होंने आत्महत्या के लिए मंत्री को जिम्मेदार बताया.  रिपोर्ट के मुताबिक, संतोष पाटिल कुछ दिन पहले लापता हो गए थे और बेलगावी पुलिस ने उनका पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए 'सीधे जिम्मेदार' होंगे और मंत्री को दंडित किया जाना चाहिए.

कुछ हफ्ते पहले पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था कि उन्होंने ईश्वरप्पा के मौखिक निर्देश के आधार पर अपने गांव में सड़कों के निर्माण में 4 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उन्होंने मंत्री पर झूठ, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया और पीएम मोदी से ईश्वरप्पा को अपने बिलों का निपटान करने का निर्देश देने का आग्रह किया.

दरअसल, मौत से पहले संतोष पाटिल ने कथित रूप से अपने दोस्त को व्हाट्सएप मैसेज भेजते हुए अपनी जान देनें की मंशा जाहिर की और इसके खतरनाक कदम के लिए ईश्वरपप्पा को जिम्मेदार ठहराया. पुलिस के मुताबिक, संतोष ने अपनी पत्नी को बताया कि वह अपने दोस्त के साथ पिकनिक पर जा रहा और उसके बाद 11 अप्रैल को बेलगाम छोड़ दिया. इसके बाद वह लापता हो गया. मंगलवार को उसका शव उडुप्पी में मिला. उसके दो दोस्त भी उसी बिल्डिंग में थे, लेकिन अलग कमरे के अंदर.

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