दिल्ली में कांग्रेस की ओर से 42 प्रतिशत बीसी आरक्षण के लिए किए गए प्रदर्शन को बीआरएस और बीजेपी ने नाटक करार देते हुए तेलंगाना के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. बीआरएस एमएलसी के. कविता ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह पार्टी बीसी समुदाय की आंखों में धूल झोंक रही है. कविता ने सवाल उठाया कि यदि कांग्रेस इस मुद्दे पर गंभीर है, तो उसने संसद में यह मामला क्यों नहीं उठाया?
उन्होंने यह भी मांग की कि मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यकों को इस आरक्षण में शामिल किया जाए, ताकि सभी वंचित वर्गों को न्याय मिले. कविता ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल बीसी समुदाय की सहानुभूति हासिल करने का ढोंग है.
BJP ने मुस्लिम आरक्षण का किया विरोध
वहीं, बीजेपी ने मुस्लिम आरक्षण का कड़ा विरोध किया. बीजेपी प्रवक्ता एन. वी. सुभाष ने कहा, “पार्टी बीसी आरक्षण का समर्थन करती है, बशर्ते इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल न किया जाए, क्योंकि उन्हें पहले से ही ईडब्ल्यूएस और बीसीई आरक्षण में हिस्सा मिला हुआ है. सुभाष ने आरोप लगाया कि यदि 42 परसेंट बीसी आरक्षण में से 10 परसेंट मुस्लिमों को दिया गया, तो यह बीसी समुदाय के साथ विश्वासघात होगा.”
BRS नेता ने विरोध प्रदर्शन को बताया फ्लॉप
वहीं, बीआरएस नेता और पूर्व मंत्री हरीश राव ने अपने एक्स पोस्ट में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उनके सहयोगियों के दिल्ली प्रदर्शन को पूरी तरह फ्लॉप करार दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे बड़े नेताओं ने इस नकली प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया, जिससे साफ है कि कांग्रेस की नीयत में खोट है. राव ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार कांग्रेस के लिए बीसी समुदाय से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस का यह प्रदर्शन न तो तेलंगाना के लोगों को भरोसा दिला सका और न ही बीसी आरक्षण के प्रति उसकी गंभीरता को साबित कर सका.” बीआरएस और बीजेपी ने इसे केवल एक राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए कांग्रेस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए.