कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे है. कांग्रेस इसको लेकर पूरी तरह हमलावर है और लगातार बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है. ऐसे में कांग्रेस अब वोट चोरी पर सुनवाई नहीं होने का हवाला देकर एक नई रणनीति पर काम कर रही है. 

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कांग्रेस ने वोट रक्षक अभियान नाम से एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत कांग्रेस ने देशभर में 5 उन लोकसभा सीटों को चुना है, जहां पार्टी उम्मीदवार को बेहद कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये 5 सीटें हैं- राजस्थान की जयपुर ग्रामीण, अलवर, यूपी की बांसगांव, छत्तीसगढ़ की कांकेर और मध्य प्रदेश की मुरैना.

किन विधानसभा में पार्टी सबसे कम वोटों से हारीदरअसल इन पांच लोकसभा सीटों में ये देखा जायेगा कि किन विधानसभा में पार्टी सबसे कम वोटों से हारी है फिर उसके बाद उन विधानसभाओं में ये पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वोट रक्षक अभियान कांग्रेस पार्टी शुरू करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ इस अभियान के तहत हर 20 बूथ पर एक वोट रक्षक को तैनात किया जायेगा. उसकी ज़िम्मेदारी होगी कि 2027-28 में होने वाले इन सीटों के विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी ना होने पाए, और ना ही वोटर को हटाने और जोड़ने को लेकर किसी प्रकार का घपला हो. इन वोट रक्षकों को पहले से नियुक्त किया जा रहा है, जिससे ये अपने काम को समय के साथ पूरा कर सकें.

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कांग्रेस ने बनाई 2 तरह की रणनीतिकांग्रेस दो तरह की रणनीति पर काम कर रही है. एक राहुल गांधी जो प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिये वोट चोरी को लेकर लगातार जो खुलासा कर रहे है उसे आधार बनाकर पूरे देश में एक बडा जनआंदोलन बनाने की तैयारी में है पार्टी. दूसरी रणनीति के तहत कांग्रेस कथित वोट चोरी से बचने और बूथ स्तर पर अपनी मज़बूती क़ायम रखने के लिये ज़मीनी स्तर पर भी अलग-अलग अभियान के तहत तैयारी कर रही है. 

कुल मिलाकर कांग्रेस ने इसे 2029 लोकसभा चुनाव तक बड़ा मुद्दा बनाने की ठान ली है. ऐसे में अगर ये वोट रक्षक अभियान से जुड़ा पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव तक पूरे देश भर में बड़े स्तर पर इस अभियान को चलाने की रणनीति पर काम करेगी.  

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