Siddaramaiah Vs DK Shivakumar: कर्नाटक में वोक्कलिगा से अधिक मुसलमानों की संख्या होने के कांग्रेस नेता बी जेड जमीर खान (BZ Zameer Ahmed Khan) के बयान से विवाद खड़ा हो गया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वोक्कलिगा (Vokkaliga) नेताओं ने खान के बयान को राजनीतिक रूप से प्रभावी समुदाय को छोटा दिखाने का प्रयास करार देते हुए उन पर निशाना साधा. हालांकि कांग्रेस (Congress) नेताओं ने इस टिप्पणी पर ऐतराज करते हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की.

ऐसी खबरें हैं कि प्रमुख वोक्कलिगा संत निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने इस संबंध में कांग्रेस नेताओं को अपनी नाखुशी से अवगत कराया है. विवाद को देखते हुए कांग्रे नेतृत्व ने जमीर को ऐसे बयानबाजी से बचने की सलाह दी है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पत्र जारी कर कहा, "आपको सार्वजनिक टिप्पणी करते समय भविष्य में सावधान रहने और पार्टी के अनुशासन एवं विचारधारा का पालन करने की चेतावनी दी जाती है।"

बी जेड जमीर खान ने क्या कहा?कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के करीबी समझे जाने वाले खान ने वोक्कलिगा समुदाय को संगठित करने की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए हाल में कहा था कि बस एक समुदाय के समर्थन से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता.

खान ने कहा था, ‘‘ कोई भी एक समुदाय के समर्थन से मुख्यमंत्री नहीं बन सकता, सभी की (मुख्यमंत्री बनने की) इच्छा होती है, और उसमें कुछ गलत नहीं है.... (लेकिन) सभी समुदायों को साथ लेकर ही (मुख्यमंत्री बन पाना) संभव है. मेरी भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है , मेरे समुदाय का प्रतिशत वोक्कलिगा से अधिक है. क्या मेरे लिए बस अपने समुदाय का समर्थन पाकर मुख्यमंत्री बनना संभव है? नहीं संभव है?’’

वोक्कलिगा समुदाय से आने वाले नेता शिवकुमार ने हाल में इस समुदाय से मुख्यमंत्री बनने के उनके प्रयास में समर्थन का आह्वान किया था. मैसुरू या दक्षिणी कर्नाटक क्षेत्र में वोक्कलिगा एक बड़ा बोट बैंक है.

शिवकुमार और सिद्धारमैया कई महीनों से वर्चस्व की लड़ाई में उलझे हुए हैं और 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में दोनों ही खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं.

वैसे तो सिद्धारमैया लगातार कह रहे हैं कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक और आलाकमान ही तय करेंगे कि कौन अगला मुख्यमंत्री होगा लेकिन खान समेत उनके समर्थक अनुशानात्मक कार्रवाई की चेतावनी की अनदेखी करते हुए अपने नेता के पक्ष में खुलेआम बयान दे रहे हैं. इससे पार्टी में एक प्रकार से विभाजन पैदा हो गया है.

सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप पेश करने के प्रयास के तहत राज्य में मुसलमानों को वोक्कलिगा से अधिक बताने के खान के बयान से एक विवाद खड़ा हो गया है और वह कई नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.

मांड्या से वोक्कलिगा नेता (कांग्रेस) चेलूवारयस्वामी ने कहा कि समुदाय के बारे में ‘‘अनावश्यक बयानबाजी’’ सही नहीं है. अन्य कांग्रेस नेता और विधायक प्रियांक खड़गे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं , उन्हें देखना चाहिए कि वे जो बोलते हैं, उससे समुदाय, पार्टी और समाज का नुकसान न हो.

बीजेपी का निशानाबीजेपी नेताओं ने खान की आलोचना करते हुए शिवकुमार को भी समुदाय को अपनी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए बीच में लाने को लेकर निशाना बनाया और कहा कि वोक्कलिगा किसी एक पार्टी से संबद्ध नहीं हैं.

मंत्री और सत्तारूढ़ बीजेपी में एक प्रमुख वोक्कलिगा चेहरे आर अशोक ने कहा कि यह समुदाय कांग्रेस को माफ नहीं करेगा और उसे ऐसी बातें बंद करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी के अंदर अपने मुद्दे निपटाइए , समुदाय को बीच में मत लाइए, यह देश संविधान के अनुसार चलता है, जहां मुख्यमंत्री पूरे राज्य के लिए होता है, न कि किसी समुदाय के लिए है.......’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वोक्कलिगा को लेकर लक्ष्मणरेखा पार मत कीजिए. कांग्रेस का पहले से एक अनुभव है क्योंकि जिस तरह उसने वीरेंद्र पाटिल (पूर्व मुख्यमंत्री) से बर्ताव किया, उसके कारण उनका समुदाय (लिंगायत) अब तक पार्टी के साथ नहीं है.’’

बीजेपी महासचिव सी टी रवि ने कहा कि एक वक्त था जब यह भावना थी कि चुनाव बस मुस्लिम मतों की मदद से चुनाव जीते जा सकते हैं जिससे तुष्टीकरण की राजनीति आई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘वह वक्त बहुत पहले चला गया, जमीर भाई (BZ Zameer Ahmed Khan)..... वोट बैंक के नाम पर धमकाने और ब्लैकमेल करने की बात बहुत पहले बीत गयी. जमीर भाई याद रखिए कि आज कोई ‘भारत माता की जय’ बोलकर एवं लोगों के लिए काम करके ही राजनीति कर सकता है.’’

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