Rahul Gandhi To Return India: कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार (20 जून) शाम अपनी विदेश यात्रा से भारत लौटने वाले हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी.

राहुल की लंबी विदेश यात्रा पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी पिछले महीने छह दिवसीय अमेरिकी दौरे पर गए थे लेकिन विदेश यात्रा पर रहते हुए उन्हें करीब 21 दिन हो गए हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. राहुल गंधी उससे पहले पहले भारत लौट रहे हैं. राहुल की लंबी विदेश यात्रा को लेकर बीजेपी आईसी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार (20 जून) को ट्वीट कर सवाल किया.

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उठाया सवाल

बीजेपी नेता ने ट्वीट में लिखा, ''राहुल गांधी विदेश में इतना समय क्यों बिताते हैं, खासकर उनकी यात्राओं का एक बड़ा हिस्सा रहस्यमयी है. विदेशी एजेंसियों और समूहों के साथ उनकी गुप्त बैठकों की कई रिपोर्ट्स भारत के हितों के खिलाफ इन यात्राओं के मकसद पर सवाल उठाती हैं.''

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों की एकजुट होने की कोशिशों के तहत पटना में होने वाली बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हो सकते हैं. राहुल गांधी ने इन दिनों विदेश में रहते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा. 

विदेश से केंद्र सरकार को जमकर घेरते रहे राहुल गांधी

ओडिशा रेल हादसे के समय राहुल गांधी अमेरिका में ही थे और उन्होंने न्यूयॉर्क में आयोजित हुए प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम से आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश आगे नहीं बढ़ रहा है. उन्होंने रेल हादसे की जिम्मेदारी न लेने का आरोप सरकार पर लगाया था.

वहीं, पिछले दिनों ने उन्होंने अपने एक ट्वीट के जरिये आरोप लगाया था कि बीजेपी की नफरत की राजनीति की वजह से 40 दिनों से मणिपुर जल रहा है और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने इसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री ने भारत को विफल कर दिया है और पूरी तरह से चुप हैं. इसी के साथ उन्होंने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों के तहत भेजने की वकालत की थी.

राहुल गांधी ने अपने एक ताजा ट्वीट में कहा, ''पीएसयू भारत की शान हुआ करते थे और रोजगार के लिए हर युवा का सपना हुआ करते थे. मगर, आज ये सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं. देश के पीएसयू में रोजगार, 2014 में 16.9 लाख से कम हो कर 2022 में मात्र 14.6 लाख रह गए हैं. क्या एक प्रगतिशील देश में रोजगार घटते हैं?''

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