Congress on India China relations: भारत और चीन के संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है. भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के चीन दौरे के बीच कैलाश मानसरोवर की यात्रा और दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू होने की पहल हुई है. इस बीच कांग्रेस ने इन तमाम बातों को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस का कहना है कि दोनों राजधानियों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, उदार वीजा व्यवस्था सहित कई बातों को लेकर सहमति बनी है. मोदी सरकार ने इस बात को लेकर अभी तक देश को संतोषजनक जवाब नहीं दिया है कि चीन के साथ रिश्ते सामान्य करने का यह सही समय क्यों है.
कांग्रेस के 6 बड़े सवाल
भारत और चीन संबंधों को लेकर जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “भारत-चीन के बेहद असामान्य संबंधों के 'सामान्य बनाए' जाने पर हमारा बयान. मोदी सरकार को इन छह सवालों के जवाब देश को देने होंगे.”
ऐसे में हम प्रधानमंत्री से अपने पहले के सवाल दोबारा दोहराते हैं, जिनके जवाब चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास से पहले दिए जाने चाहिए:
1. क्या भारतीय सैनिक देपसांग में हमारी दावा रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच पेट्रोलिंग प्वाइंट तक पेट्रोलिंग कर पाएंगे जैसा कि वे पहले किया करते थे?
2. क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक जा पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से हमारी पहुंच से बाहर हैं?
3. क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सों में फिंगर 3 तक ही जा पाएंगे, जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?
4. क्या हमारी पेट्रोलिंग टीम को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक जाने दिया जाएगा, जहां वे पहले जा सकते थे?
5. क्या भारतीय पशुपालकों को एक बार फिर चुशूल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक जाने का अधिकार होगा?
6. क्या वे "बफर जोन" जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिए थे, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?
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